Police were on remand BNP officer
Admin | 01 February, 2016 | 1009 | 3980
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जिले में एक के बाद एक चिटफंड कंपनियों का भांडा फूट रहा है। बीएनपी इंडिया कंपनी के मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव केदार पिता रामलाल नागर को कोतवाली पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर पूछताछ के लिए धमतरी लाई है। आरोपी कुछ दिन पहले ग्वालियर पुलिस के हत्थे चढ़ा था। टीआई राजकुमार सोरी ने बताया कि बीएनपी इंडिया के अधिकारी केदार नागर के खिलाफ कोतवाली में धारा 420, 120 के खिलाफ जुर्म दर्ज है। पुलिस को काफी दिनों से उसकी तलाश थी, तभी पता चला कि वह उज्जैन जेल में है, उसे न्यायिक रिमांड पर लेकर धमतरी लाए हैं।
जिले में फैला जाल
चिटफंड कंपनियों का जाल सा फैल गया है। जनदर्शन में भी 300 से अधिक शिकायतें हुई है। कोषालय अधिकारी के अनुसार अब तक 20 से अधिक कंपनियों के डायरेक्टर व एजेंट के खिलाफ रकम वसूली के बाद मेच्योरिटी बाद भी राशि नहीं लौटाने की शिकायत हुई है।
इनकी हो चुकी गिरफ्तारी
कोतवाली पुलिस ने अब तक चिटफंड कंपनियों के दर्जनभर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं कइयों की तलाश जारी है। कंपनी के डायरेक्टर राघवेन्द्र सिंह नावरिया ग्वालियर जेल में, मैनेजिंग डायरेक्टर दयानंद नावरिया मध्यप्रदेश के आगरा जेल में, पंकज नावरिया धमतरी जेल हैं।
वर्ष 2007-08 में संचालित थी चिटफंड कंपनी
पुलिस ने बताया कि कंपनी 2007-08 में शुरू हुआ था। कंपनी का मुख्य ब्रांच आगरा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, ग्वालियर, छत्तीसगढ़ में संचालित था। कंपनी लगभग डेढ़ साल से बंद है। कंपनी के कुछ और डायरेक्टर जिनमें गेंदाबाई नावरिया, नीलेश नावरिया, नीरज नावरिया, सामेदत्ता, रामदयाल सेन, नरेन्द्र राठौर, मुकेश प्रजापति व संजय जॉर्ज अभी भी फरार है। इनकी किसी भी थाने में गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जिले में फैला जाल
चिटफंड कंपनियों का जाल सा फैल गया है। जनदर्शन में भी 300 से अधिक शिकायतें हुई है। कोषालय अधिकारी के अनुसार अब तक 20 से अधिक कंपनियों के डायरेक्टर व एजेंट के खिलाफ रकम वसूली के बाद मेच्योरिटी बाद भी राशि नहीं लौटाने की शिकायत हुई है।
इनकी हो चुकी गिरफ्तारी
कोतवाली पुलिस ने अब तक चिटफंड कंपनियों के दर्जनभर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं कइयों की तलाश जारी है। कंपनी के डायरेक्टर राघवेन्द्र सिंह नावरिया ग्वालियर जेल में, मैनेजिंग डायरेक्टर दयानंद नावरिया मध्यप्रदेश के आगरा जेल में, पंकज नावरिया धमतरी जेल हैं।
वर्ष 2007-08 में संचालित थी चिटफंड कंपनी
पुलिस ने बताया कि कंपनी 2007-08 में शुरू हुआ था। कंपनी का मुख्य ब्रांच आगरा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, ग्वालियर, छत्तीसगढ़ में संचालित था। कंपनी लगभग डेढ़ साल से बंद है। कंपनी के कुछ और डायरेक्टर जिनमें गेंदाबाई नावरिया, नीलेश नावरिया, नीरज नावरिया, सामेदत्ता, रामदयाल सेन, नरेन्द्र राठौर, मुकेश प्रजापति व संजय जॉर्ज अभी भी फरार है। इनकी किसी भी थाने में गिरफ्तारी नहीं हुई है।