Police has Chit fund companies to Send a notice called
Admin | 22 February, 2016 | 1017 | 3980
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कम समय में जमा कराया गया धन को दो व तीन गुना करने का झांसा देने वाली चिटफंड कंपनियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। चिटफंड कंपनियों का अवैध कारोबार की लगातार शिकायतों के बाद यहां थाना प्रभारी ने 8 अलग अलग इन्वेस्टमेंट कंपनियों को उनके लाइसेंस का सत्यापन कराने के लिए नोटिस भेज कर बुलाया है। यहां चिटफंड कंपनियों की जांच पड़ताल शुरू होते ही 3 कंपनियों ने अपने दफ्तरों पर ताले लगा दिए हैं।
पुलिस का कहना है कि दो तीन दिनों का इंतजार के बाद इन कंपनियों की भी जांच का काम तेज कर दिया जाएगा। शहर में तहसीलदार के निवास के सामने संचालित की जा रही चिटफंड कंपनी ने पश्चिम बंगाल से दस्तावेज होने का आश्वासन देकर सप्ताह भर का समय मांगा है। इस कंपनी द्वारा बैंकिंग के साथ अन्य उत्पाद बेचने के कारण स्थानीय लोगों ने इसके काम काज पर संदेह व्यक्त किया है। शहर के बीच में तहसीलदार के निवास के सामने स्थित इस चिटफंड कंपनी के पास आरबीआई का लाइसेंस नहीं होने की बात कही जा रही हैं।
गांव-गांव में फैला
है इनका जाल
शहर में संचालित ज्यादातर चिटफंड कंपनियों की सूची तैयार कर पुलिस इनके दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर रही है। चिटफंड कंपनियों के विरूद्द जांच पड़ताल शुरू होने के बाद उनके कर्मचारियों में खलबली मच गई है। यहां जशपुर रोड़ और अम्बिकापुर रोड़ में संचालन करने वाली दो इन्वेस्टमेंट कम्पनी के दफ्तर में ताला लटका कर वहां के कर्मचारी गायब हो गए हैं। कुछ कंपनी ने लोन देने का व्यवसाय करने की बात कहते हुए अपने जरूरी दस्तावेजों की प्रति पुलिस को सौंप दी है। बताया जाता है कि यहां काम कर रही विभिन्न चिटफंड कंपनियों के द्वारा पिछले गांव गांव में अपना कारोबार फैला कर गरीब तबका के लोगों से लाखों रुपए जमा करा लिए हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर इन्वेस्टमेंट कम्पनी के पास आरबीआई का लाइसेंस उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद यहां पर लोगों की गाढ़ी कमाई की रकम को धड़ल्ले से जमा किया जा रहा है।
दस्तावेजों की जांच शुरू - एएसआई केके साहू ने बताया कि यहां कार्यरत सभी इन्वेस्टमेंट कंपनी पर नजर रखी जा रही है। इनके दस्तावेजों की जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के विरूद्द आपराधिक प्रकरण दर्ज उनके अधिकारियों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।