कोरबा (निप्र)। लोगों के मेहनत की गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनी में जमा कराए जाने के मामले तो सामने आते रहे हैं। एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें सरपंच ने पेंशनधारियों की रकम को ही कंपनी में जमा करा दिए। 55 हितग्राहियों को दी जाने वाली पेंशन की राशि से 72 माह तक 100 रुपए की कटौती कर रकम जमा की जाती रही। अब मैच्युरिटी की तिथि आने पर रकम वापस करने में आना-कानी का आरोप सरपंच पर लगा है। मामले की शिकायत प्रशासन से भी की गई है।
मामला पाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरदा का है। शासन के नियमानुसार यहां निवास करने वाले 55 पात्र हितग्राहियों को निराश्रित का भुगतान किया जाता है। पंचायत सरपंच शकुंतला कंवर ने अपने पहले कार्यकाल में पेंशन का भुगतान करते समय 100 रुपए की कटौती कर उक्त राशि को बीपीएन सनसाइन नामक चिटफंड कंपनी में जमा कराना शुरू कर दिया। इस दौरान हितग्राहियों को निर्धारित अवधि में दोगुनी रकम मिलने की बात कही गई। पेंशनधारियों की राशि जमा कराए जाने का सिलसिला दूसरे कार्यकाल में भी जारी रहा। इस तरह से 72 किश्त में 3 लाख 96 हजार रुपए चिटफंड कंपनी के खाते में जमा करा दिए गए। यह राशि मैच्युरिटी अवधि पूर्ण होने के बाद हितग्राहियों को भुगतान किया जाना था, लेकिन उन्हें चिटफंड कंपनी में जमा राशि नहीं मिल सकी। अब चिटफंड कंपनी से रकम वापस पाने हितग्राहियों को दफ्तर का चक्कर काटना पड़ा है। बताया जा रहा है कि हितग्राहियों ने मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से करते हुए सरपंच पर रकम वापस करने का आरोप लगाया है। इधर सरपंच श्रीमती कंवर ने हितग्राहियों के द्वारा स्वेच्छा से कंपनी में रकम जमा कराए जाने की बात कही जा रही है। बहरहाल पेंशन की राशि से कटौती कर चिटफंड कंपनी में रकम जमा कराए जाने की चर्चा तेज हो गई है। इस संबंध में चर्चा के लिए सरपंच श्रीमती कंवर से मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन मोबाइल कवरेज से बाहर मिला।