One More chit fund company ran over a for core, After investigation Enter Case
Admin | 01 February, 2016 | 1019 | 3980
रायपुर. राजधानी में आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स के नाम से काम कर रही चिटफंड कंपनी एडीवी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी राजधानी समेत प्रदेश के लोगों के 4 करोड़ रुपए लेकर भाग निकली है।
पांच साल में पैसे दोगुना करने के नाम पर कंपनी ने लोगों से पैसे लगवाए थे। इसके बदले में लोगों को थोड़े कृषि प्रोडक्ट और कुछ को कामोत्तेजक दवाइयां भी कंपनी ने दी थीं। लेकिन जैसे ही पैसे लौटाने की बारी आई, कंपनी ने दफ्तर बदल दिया।
लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने 28 दिसंबर को इस कंपनी के देवेंद्रनगर सेक्टर-3 स्थित दफ्तर में छापा मारा और एक माह की जांच के बाद अब चारसौबीसी दर्ज कर ली है। पुलिस ने बताया कि इस चिटफंड कंपनी का पूरा लेनदेन ऑनलाइन था। यहां केवल नाम के लिए कार्यालय खोला गया था।
गार्ड को मिलाकर केवल तीन लोगों को दफ्तर के लिए नौकरी पर रखा गया था। का स्टाफ रखा गया था। ऑन लाइन लेनदेन की डेटा एंट्री ही केवल इस दफ्तर से होती थी। यहां छापे में पुलिस को कंपनी के दस्तावेज और कृषि प्रोडक्ट के अलावा एक बोरी कामोत्तेजक दवाइयां भी मिली थीं।
पांच हजार लोगों से धोखाधड़ी
सुहेला के बोधीराम साहू ने शिकायत की कि कंपनी ने एक एजेंट ने उसे झांसा देकर निवेश करवाया था। कंपनी में 10 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक के निवेश की स्कीम थी। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस को शक है कि पूरे प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा निवेशक होंगे।
निवेश के बदले में कंपनी कृषि प्रोडक्ट देती थी, जो कथित तौर पर कीट से फसलों को बचाते और पैदावार बढ़ाते थे।
इंदौर की है कंपनी, छापे के बाद डायरेक्टर फरार
अफसरों ने बताया कि कंपनी का मुख्यालय इंदौर है। इसमें रघुवीर राठौर, जगदीश चंद व्यास, धर्मेंद्र सिंह सोनगर, राजेंद्र सिसोदिया, जामुनिया शंकर, अंजना कुंवर डायरेक्टर हैं। कुछ इंदौर तो कुछ उज्जैन में रहते हैं और छापे के बाद से फरार हैं।
रायपुर पुलिस ने इस मामले में इंदौर और उज्जैन के उन एजेंटों को भी आरोपी बनाया है, जिन्होंने रायपुर में कारोबार फैलाने में मदद की थी।