गाजियाबाद - उत्तर प्रदेश में पूर्व की बसपा सरकार के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत करीब 5500 करोड़ रुपये के घोटाले में लखनऊ के पूर्व सीएमओ चंद्रजीत यादव और डॉ. कमल किशोर सक्सेना समेत 4 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मंगलवार को सीबीआई ने विशेष कोर्ट में चारों को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट पेश की। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अतुल कुमार गुप्ता ने इन आरोपियों को अमानत में खयानत का भी दोषी माना आैर जमानत पर चल रहे चारों आरोपियों पर चार्ज फ्रेम करते हुए हिरासत में लेने का आदेश दिया।
सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक बीके सिंह और स्पेशल पीपी वीके शर्मा के अनुसार कोर्ट के आदेश पर यादव व सक्सेना के अलावा दो अन्य व्यक्तियों प्रेमचंद वर्मा और गौरीशंकर को न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज दिया गया। मामले में गवाही के लिए कोर्ट ने 8 अप्रैल की तारीख तय की है।
उधर एक खबर हाथरस से आ रही है| सीएचसी सहपऊ पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत व्याप्त घोटाले को लेकर की गयी शिकायत के आधार पर लखनऊ से आये एनआरएचएम, के ऑडिट अधिकारी वाहिद रिजवी की टीम ने वर्ष 2007 से 2014 तक के अभिलेखों का गहनता से परीक्षण किया।
ग्राम उधैना प्रधानपति श्यामवीर ¨सह यादव के प्रार्थना पत्र के साथ जिला पंचायत सदस्य रामेश्वर यादव द्वारा सीएचसी पर व्याप्त 1.5 करोड के घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की थी। जिसके अन्तर्गत उक्त टीम द्वारा जांच प्रारम्भ कर दी गयी है। आशाओं की चयन पत्रावली के साथ जननी सुरक्षा योजना प्रसव के दौरान महिलाओं को सीएचसी, पर लाने के लिये मिलने वाले पारिश्रमिक 600 रूपये के चैक पर पूर्व में सौ रुपये लिये जाते थे।
आशाओं को 27 मदों के तहत आशा बैठक, जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन, स्तनपान व किशोरियों को स्वास्थ्य संबंधित गुप्त रोगों की जानकारी तथा गांव में एएनएम द्वारा निश्चित दिन होने वाले शिविर में टीका करण हेतु घर-घर जाकर प्रचार प्रसार आदि करने के नाम पर अपने बिल वाउचर देकर भुगतान कराने के रूप में 500 से 1000 रुपये बतौर सुविधा शुल्क देकर ही उनके खातों में धनराशि भेजी जाती थी।