कोलकाता। सारधा चिटफंड कांड के आरोपी मदन मित्रा द्वारा मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह एक आम इंसान की तरह जेल में समय बिता रहे हैं। पर जब-जब उन्हें सुनवाई के लिए अदालत में पेश किया गया, तब-तब उनके द्वारा कहे जुमलों ने सुर्खियां बटोरी।
कभी खुद को बाहुबली, कभी प्रभावशाली, तो कभी बजरंगबली कहने वाले मदन ने इस बार खुद को अभावशाली करार दिया। गुरुवार की दोपहर 1.30 बजे सुनवाई के लिए अदालत पहुंचे मदन ने पत्रकारों के समक्ष कहा कि पहले उन पर प्रभावशाली होने का तमगा लगाया जाता रहा है, लेकिन अब वह प्रभावशाली नहीं हैं, बल्कि अभावशाली हो गए हैं। एक आम इन्सान की तरह कानून व्यवस्था पर विश्वास रखते हुए जेल में दिन काट रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में तृणमूल की ओर से उम्मीदवार बनने को राजी
बंगाल में होने जा रहे विधानसभा (विस) चुनाव में कमरहट्टी से उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की चर्चा से मदन मित्रा काफी उत्साहित हैं। गुरुवार को अलीपुर अदालत पहुंचे मदन ने पत्रकारों से कहा कि अंतिम घोषणा पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही करनी है। जेल से प्रचार करने संबंधी सवाल पर कहा कि किसी भी संविधान में ऐसा नहीं लिखा गया है कि जेल में रहते कोई चुनाव प्रचार नहीं कर सकता।
पार्टी सुप्रीमो से संकेत मिला, तो जेल में बैठे-बैठे ही चुनावी प्रचार शुरू कर देंगे। मदन के वकील द्वारा पेश जमानत अर्जी को एक बार फिर खारिज करते हुए 10 फरवरी तक जेल हिरासत में रखने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई उसी दिन होगी।
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