रायपुर - विधानसभा में शुक्रवार को एक बार फिर नान घोटाले का मुद्दा जोर-शोर से उठा। कांग्रेस के भूपेश बघेल ने सदन में उस डायरी को देखने का दावा किया, जिसमें कई रसूखदारों के नाम हैं। सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए, जिसे सभापति ने विलोपित कर दिया।
जोर-शोर से उठा नान घोटाले का मुद्दा
बघेल ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम में जितने करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है, उससे प्रदेश के किसानों को बोनस बांटा जा सकता था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बताया कि पुलिस महकमे से जुड़े एक अफसर ने उन्हें वह डायरी दिखाई थी, जिसमें कोडवर्ड में पैसा देना दिखाया गया है।
विधानसभा में शुक्रवार को एक बार फिर नान घोटाले का मुद्दा जोर-शोर से उठा। कांग्रेस के भूपेश बघेल ने सदन में उस डायरी को देखने का दावा किया, जिसमें कई रसूखदारों के नाम हैं।
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बघेल ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट तरीके से जमा किया गया पैसा अफसरों और मंत्रियों के बीच बंटने के साथ-साथ सतना, नागपुर और लखनऊ भी भेजा जाता था। बघेल ने कहा कि सरकार डायरी को इसलिए सदन में पेश नहीं कर रही है, क्योंकि इसमें कई बड़े लोगों के नाम हैं। यदि इन नामों का पर्दाफाश हो गया तो सरकार गिर जाएगी। बघेल ने कहा कि सरकार ने 13 सौ 74 राइस मिलरों को मीलिंग के लिए जो धान दिया था, उसे मिलरों ने वापस नहीं किया। मिलर ही डेढ़ सौ करोड़ का चावल डकार गए हैं।
सीबीआई जांच हो
बघेल ने कहा कि जो ईओडब्लू सालों-साल आरोपियों का चालान पेश नहीं करती रही है, वह स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने, कांग्रेस के राज्यपाल से मुलाकात के बाद अचानक मुस्तैद हो गई। ईओडब्लू ने धरपकड़ की कार्रवाई इसलिए भी करवाई गई है, ताकि सीबीआई जांच से बचा जा सके।