प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस बात पर जोर दिया कि भारत में उनके सत्ता संभालने के बाद करीब 10 माह में विश्वास का एक नया माहौल बना है। उन्होंने विकास को हर समस्या का समाधान बताते हुए दूसरों द्वारा छोड़ी गई गंदगी को साफ करने का संकल्प जताया।
मोदी ने रिको कोलीजियम में 10,000 से अधिक भारतीय मूल के लोगों को हिंदी में दिए गए अपने संबोधन में कहा हमारे देश में विश्वास का नया माहौल है, हम कहते हैं जन गण मन अधिनायक मतलब जन मन बदला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने मौजूद सभी समस्याओं का समाधान विकास है। उन्होंने कहा कि देश के पास वह सभी क्षमताएं हैं जिनकी उसे जरूरत है, अब सिर्फ अवसरों की आवश्यकता है।
पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा जिनको गंदगी करनी थी, गंदगी कर के चले गए, हम सफाई करके जाएंगे। उन्होंने कहा वैश्विक विकास को उर्जा देने के लिए भारत कार्यबल मुहैया कराएगा। हमारा मिशन स्किल इंडिया है न कि स्कैम इंडिया।
प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान वहां मौजूद लोग उत्साहित हो कर बार बार मोदी, मोदी के नारे लगा रहे थे। ऐसे में उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हो रहा है वह उनके कारण नहीं बल्कि भारत के लोगों के कारण हो रहा है। उन्होंने बॉलीवुड का एक गीत याद करते हुए कहा कि 10 माह पहले भारत में सरकार बदली थी और अब लोगों की प्रकृति बदल गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी निधि उसके युवा हैं और उनका लक्ष्य उन्हें रोजगार सृजित करने वालों के रूप में देखना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 80 करोड़ की युवा आबादी, 80 करोड़ सपने, 160 करोड़ मजबूत हाथ़। ऐसा क्या है जो हम हासिल नहीं कर सकते, उन्होंने कहा कि वह युवाओं को रोजगार की तलाश करने वाले नहीं बल्कि रोजगार सजित करने वाले लोगों के रूप में देखना चाहते हैं।
कनाडा और उसके प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने जो उत्साह और प्यार दिखाया, उसके लिए मोदी ने उनका धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत लंबे एवं उपयोगी होंगे। मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तभी से कनाडा के साथ काम करने का मेरा अनुभव हमेशा अच्छा रहा है। कनाडा ने 2003 में गुजरात के साथ काम किया था। पिछले 42 साल में कनाडा की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
मोदी ने हार्पर के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं और इसके बाद समझौतों पर हुए हस्ताक्षर का जिक्र करते हुए कहा कि हमने आज जो निर्णय लिए हैं, वे मैत्रीपूर्ण माहौल में लिए गए हैं। हमारा साथ लंबा और लाभदायी रहने वाला है। इससे पहले हार्पर ने इसी समारोह में कहा, हम भारत और कनाडा की विशेष मित्रता का जश्न मनाने आज यहां आए हैं। यह ऐसी दोस्ती है जो वास्तव में हमारे लिए अहमियत रखती है।
कनाडा भारतीय परमाणु संयंत्रों के लिए 25 करोड़ 40 लाख डॉलर के पांच वर्षीय समझौते के तहत अधिक उर्जा की मांग वाले भारत को तीन हजार मीट्रिक टन यूरेनियम की आपूर्ति करने पर सहमत हुआ है। भारत के परमाणु कार्यक्रम को लेकर करीब चार दशक पहले इस क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध खत्म हो गए थे।
भारत और कनाडा के बीच लंबी बातचीत के बाद 2013 में हुए असैन्य परमाणु समक्षौते के पश्चात यूरेनियम आपूर्ति का यह समझौता हुआ है जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष के बीच व्यापक वार्ता के बाद दस्तखत हुए। रूस और कजाखस्तान के बाद कनाडा तीसरा देश है जो भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करेगा। आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी (आईएईए) के सुरक्षा मानकों के तहत होगी।