दक्षिणी दिल्ली: ओडिशा, गुजरात व महाराष्ट्र में चिटफंड कंपनी के जरिये 230 करोड़ की ठगी करने वाले जालसाज को दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया है। उसे हौजखास विलेज के नीलांचल गेस्ट हाउस से पकड़ा गया। उसके जिस मोबाइल नंबर को ट्रेस करती हुई पुलिस हौजखास गई थी, वह चार घंटे तक बंद रहा। जैसे ही फोन शुरू हुआ पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करके उसे धर दबोचा। आरोपी के खिलाफ ओडिशा में मामले दर्ज हैं। लिहाजा उसे ओडिशा पुलिस को सौंप दिया गया।
परवेश चंद्र राउत ओडिशा का रहने वाला है। वहां की पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क करके बताया था कि परवेश हौजखास इलाके में रह रहा है। दिल्ली पुलिस ने उसके फोन को सर्विलांस पर लिया तो ओडिशा पुलिस की सूचना ठीक निकली। दक्षिणी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त ईश्वर सिंह ने सफदरजंग एंक्लेव थाने के प्रभारी वीएन झा, एटीओ अरुण नेहरा, एसआई अजय, एएसआई राजकुमार, हवलदार जितेंद्र व सिपाही निहाल सिंह की टीम बनाई। एसीपी एसपी त्यागी ने उनका नेतृत्व किया। पुलिस की टीम को मोबाइल फोन की लोकेशन हौजखास के इलाके में मिल रही थी पर लगातार बदल रही थी। बुधवार को पुलिस ने रात में उसे गिरफ्तार करने की योजना बनाई, क्योंकि माना जा रहा था कि रात को परवेश किसी एक जगह पर जरूर रुकेगा। लेकिन, सात बजे उसने फोन बंद कर लिया। 11 बजे जैसे ही उसका फोन ऑन हुआ, पुलिस ने गेस्ट हाउस में जाकर रेड की। पता चला कि वह वहां पर फर्जी पहचान पत्र के जरिये रह रहा था। पूछताछ में उसने माना कि ऑस्कर ग्रुप ऑफ कंपनी के जरिये वह लोगों को भरमाता था और उनका पैसा अपनी कंपनी में निवेश कराता था। उसने कंपनी की 49 शाखाएं ओडिशा में, 58 गुजरात में तथा 6 महाराष्ट्र में खोल रखी थीं। तकरीबन 230 करोड़ रुपये लेकर वह फरार हो गया था। वहां की पुलिस ने उस पर केस दर्ज करके छानबीन की पर उसका कोई पता नहीं लगा। उसके एक साथी को ओडिशा पुलिस ने कुछ दिनों पहले काबू किया था। उसी से पता चला था कि परवेश दिल्ली में रह रहा है।