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Million mines Chit fund company also absconding

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कोरबा (निप्र)। मिलियन माइंस नामक चिटफंड कंपनी का दफ्तर लंबे समय से बंद है। इस बात से दोगुना रकम के झांसे में आकर पूंजी निवेश करने वाले चिंतित हो गए हैं। अन्य कंपनियों की तरह इस कंपनी के भी भाग जाने की आशंका बढ़ गई है। अभी 21 निवेशक सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई इस कंपनी में लगाए हैं। पुलिस से शिकायत कर कंपनी के जवाबदार लोगों की धरपकड़ किए जाने की गुहार लगाई है। पुलिस इस मामले की जांच शुरू कर पीड़ितों का बयान दर्ज कर रही।



बुधवारी मार्ग स्थित बजाज प्लाजा काम्पलेक्स के प्रथम तल में मिलियन माइंस नामक चिटफंड कंपनी का दफ्तर संचालित था। दीगर कंपनियों की तरह इस कंपनी में भी लोगों को निर्धारित अवधि में रकम दोगुना करने का झांसा दिया जा रहा था। इसके लिए स्थानीय युवक-युवतियां बतौर एजेंट काम कर रहे थे। इनके माध्यम से कंपनी में लाखों रुपए जमा कराए जाते रहे। निवेशकों को अपने ठगे जाने की भनक तब लगी जब वे दिसंबर में कंपनी के कार्यालय पहुंचे। यहां दफ्तर में ताला लटक रहा था, हाल के भीतर रखा सामान गायब था। सामान्य तौर पर देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि यहां कभी कोई दफ्तर ही नहीं खुला हो। संदेह होने पर निवेशकों ने एजेंटों से संपर्क साधकर अपनी जमा पूंजी की मांग शुरू कर दी। एजेंटों ने जब कंपनी के अफसरों से संपर्क साधना शुरू किया तो उनका मोबाइल बंद आने लगा। बताया जा रहा है कि करीब एक माह बाद कुछ एजेंटों ने मशक्कत के बाद अफसरों से बातचीत करने में सफलता पा ली। उन्हें कुछ ही समय के अंतराल में निवेशकों का रकम दिए जाने का आश्वासन मिला था। इसके आधार पर एजेंटों ने भी निवेशकों को समय दे दिया था। लंबे समय बीत जाने के बाद अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को डूबते देख निवेशक परेशान हो गए और वे मामले को लेकर पुलिस के पास जा पहुंचे। नगर पुलिस अधीक्षक एसएस पैकरा ने उनकी बातों को गंभीरता से लेते हुए सीएसईबी पुलिस को जांच के निर्देश दिए। सोमवार को 21 निवेशक सीएसईबी पुलिस चौकी पहुंचे थे, जिनसे प्राप्त आवेदन के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पुलिस चौकी प्रभारी चंचला तिवारी ने अधिकांश निवेशकों का बयान भी दर्ज कर लिया है। जांच पूरी होने के साथ ही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।



चर्चा में रहा है काम्पलेक्स



जिस बजाज प्लाजा नामक काम्पलेक्स में चिटफंड कंपनी संचालित हो रही थी, वह अक्सर चर्चा में रहा है। करीब तीन वर्ष पहले प्रथम तल पर एक कंपनी ने इलेक्ट्रानिक्स सामान उपलब्ध कराए जाने का झांसा देकर लाखों का चूना लगाया गया था। पुलिस ने जब शिकायत के आधार पर दबिश दी तो कंपनी के कर्मचारी फरार हो गए थे। इसके अलावा कई अन्य चिटफंड कंपनी भी यहां संचालित होते रहे हैं। वर्तमान में भी काम्पलेक्स में चल रहे कुछ कंपनियों के संबंध में जांच पड़ताल की आवश्यकता है।





 


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  • 30 March, 2016
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