नई दिल्ली। हजारों करोड़ के सारधा चिटफंड घोटाले में आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की पत्नी मनोरंजना सिंह को सुप्रीमकोर्ट से राहत नहीं मिली। सुप्रीमकोर्ट ने मनोरंजना सिंह की जमानत याचिका पर विचार करने से बुधवार को इन्कार कर दिया। कोर्ट ने मनोरंजना से कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने को कहा है। मनोरंजना ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी।
न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अवकाश कालीन पीठ ने मनोरंजना को हाईकोर्ट जाने की छूट देते हुए ये आदेश दिये। पीठ ने कहा कि मुख्य मामला हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए उन्हें पहले हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करनी चाहिये। इससे पहले मनोरंजना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेखा पाली ने कहा कि मनोरंजना पिछले साढ़े सात महीने से जेल में हैं। हिरासत के दौरान उनकी दो बार सर्जरी हो चुकी है। ऐसे में उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जमानत दे दी जाए। उधर दूसरी ओर सीबीआइ ने मनोरंजना की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जब से उन्हें हिरासत में लिया गया है वे अस्पताल में भर्ती हैं। सीबीआइ ने कहा कि अभियुक्त को जमानत मांगने सीधे सुप्रीमकोर्ट आने से पहले हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करनी चाहिए थी। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने पहले ही उनके स्वास्थ्य और इलाज के बारे में अथारिटीज को आदेश दे रखे हैं। कोर्ट ने कहा कि ये मामला हाईकोर्ट में लंबित है उन्हें हाईकोर्ट में ही जमानत अर्जी दाखिल करनी चाहिये।
सीबीआइ ने मनोरंजना को सारधा चिटफंड घोटाले में पिछले साल गिरफ्तार किया था। मनोरंजना पर सारधा समूह के मुखिया सुदीप्तो सेन से पैसे लेने का आरोप है। सीबीआइ ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद जून 2014 में सारधा चिटफंड केस में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। इस मामले में सारधा समूह पर आरोप है कि उसने विभिन्न स्कीमों के जरिये जनता का पैसा एकत्र किया और बाद में पैसे की अदायगी नहीं की।