रायपुर. एनआईसीएल चिटफंड कंपनी ने रियल स्टेट में निवेश का झांसा देकर 50 लाख की ठगी की और अचानक दफ्तर में ताला लगाकर भाग गई। राजधानी और आस-पास के दर्जनों लोगों के शिकार होने के संकेत हैं।
एक रिटायर्ड फैक्ट्री कर्मी ने अपने रिटायरमेंट का पूरा पैसा कंपनी में लगा दिया था। उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
पुलिस अफसरों ने बताया कि भोपाल निवासी हरीश शर्मा और अभिषेक सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ के कई शहरों में एनआईसीएल की शाखाएं खोली थी।
स्थानीय लोगों को कंपनी का ब्रांच मैनेजर बनाया गया। कंपनी ने रियल स्टेट पर निवेश की कई स्कीम शुरू की। इसमें पांच साल में दोगुना पैसा, ज्यादा ब्याज देने का वादा किया गया।
एजेंटों को 20 से 25 प्रतिशत कमीशन दिया जा रहा था। एजेंटों ने सैकड़ों लोगों को झांसा देकर कंपनी में 50 लाख से ज्यादा का निवेश कराया।
पुलिस अफसरों ने बताया कि कंपनी का डंगनिया के भाटिया कांप्लेक्स में दफ्तर था। जहां पिछले छह माह से ताला लगा हुआ है। ब्रांच मैनेजर और एजेंट का मोबाइल भी बंद है।
जमा पूंजी कर दी जमा
नेवरा के रहने वाले मिलन वर्मा सीमेंट फैक्ट्री में काम करते थे। उन्हें रिटायरमेंट के बाद कंपनी से 4 लाख रुपए मिला था। उन्होंने अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के नाम पर पौने 4 लाख की पॉलिसी ली।
पांच साल के लिए पैसा जमा किया था। कंपनी की ओर से उन्हें 2015 में एक चेक भी मिला था, जो बाउंस हो गया। जब वे पैसा वापस मांगने गए तो उन्हें कंपनी वाले घुमाते रहे।
एक दिन जब कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो देखा कि ताला लगा हुआ है। ब्रांच मैनेजर से लेकर एजेंटों के मोबाइल बंद है।
डायरेक्टर से वसूली में फंसा प्रशिक्षु एसआई सस्पेंड
गोलबाजार थाने में पदस्थ प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर रिश्वतखोरी के आरोप में घिर गया है। आरोप है कि जांच के लिए पंजाब भेजे गए प्रशिक्षु अफसर ने ग्रीन लैंड चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर से एक लाख रिश्वत मांगी थी।
शिकायत के बाद आईजी जीपी सिंह ने जांच करवायी। उसके बाद गुरुवार को उसे सस्पेंड किया।
प्रशिक्षु अफसर संदीप कुमार को प्रशिक्षण के लिए गोलबाजार थाने में पदस्थ किया गया था। उन्हें जांच के लिए चिटफंड कंपनी ग्रीन लैंड की डायरी दी गई। उसी की जांच के लिए संदीप को टीम के साथ वहां भेजा गया था।
आरोप है कि कंपनी से जुड़े अफसरों से उसकी मुलाकात हुई। वहीं पैसे की मांग की गई। इसकी लिखित शिकायत आईजी से की गई।
उन्होंने मोबाइल के कॉल डिटेल से लेकर सभी तरह की जांच कराई। जांच में सही पाए जाने के बाद संदीप को सस्पेंड कर दिया। सीएसपी कोतवाली अंशुमान सिंह सिसोदिया को आगे की जांच करने का निर्देश दिया गया है।
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