नवांशहर: शहर के काइया मोहल्ले में पीलिया की दस्तक से नगर परिषद, सेहत विभाग और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों में खलबली मच गई है। आनन-फानन में सेहत विभाग ने प्रभावित मोहल्लों का बीते बुधवार को मल्टीपर्पज हेल्थ टीम से सर्वे करवाया था। बीते मंगलवार को सेहत विभाग की टीम ने पानी के सैंपल भरवाए थे, कुनीन की गोलियां बंटवाई थीं।
काइया मोहल्ले में सोमवार की करीब आठ बच्चों को पीलिया की शिकायत हुई थी। मामला संज्ञान में आते ही नगर परिषद प्रधान ललित मोहन पाठक ने टीम के साथ सीवरेज व वाटर सप्लाई लाइनों की लीकेज की गंभीरता से पड़ताल करवाई। सेहत विभाग ने डॉ. शैलेंद्र ¨सह व डॉ. अम¨रदर ¨सह को भेजा था। इन डॉक्टरों ने मोहल्ले के पीलिया से प्रभावित बच्चों का निरीक्षण किया था, तथा कुनीन की गोलियां व अन्य दवाइयां दी थीं। इसके अलावा फिल्टर्ड वाटर ही पानी की सलाह दी थी। अगर वाटर प्यूरीफाइ नहीं है तो उस दशा में पानी को उबाल कर पीने की राय दी थी।
वीरवार को हेल्थ इंस्पेक्टर तरसेम लाल ने अपने सहायक के साथ प्रभावित मोहल्ले के सभी पीलिया पीड़ित घरों के अलावा अन्य पांच घरों से पीने के पानी के सैंपल लिए। उन्होंने बताया कि सामान्यत: घर के सभी लोगों के लिए अगर उबालकर पानी पीना संभव नहीं है तो ऐसी दशा में बाजार में मिलने वाली बिसलेरी की की खाली बोतलों में पीने का पानी भर लें, और उसको एक घंटें के लिए तेज धूप में रख दें। उसके बाद ठंडा करके प्रयोग करें, ऐसा करने से वाटर प्यरीफायर की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि एक घंटा धूप में रखने से पानी के विषाणु मर जाते हैं। ऐसा डब्लूएचओ द्वारा प्रमाणित दावा है। यह गुण उन्होंने ट्रे¨नग के दौरान डब्लूएचओ से आए हुए अधिकारियों से सीखा था।