गुड़गांव: पूर्व संसदीय सचिव व महेंद्रगढ़ से विधायक रहे राव दानसिंह पर भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी के मामलों की जांच एसआईटी करेगी। पालम विहार व बादशाहपुर थाने में दर्ज तीनों केस की फाइल एसआईटी को दे दी गई है। डीसीपी क्राइम को एसआईटी का इंचार्ज बनाया गया है। एसीपी मानेसर को इसमें शामिल किया गया है। हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू करने के नाम पर पूर्व विधायक, उनके बेटे एक अन्य पूर्व विधायक सहित कई लोगों पर करीब 88 करोड़ की ठगी का आरोप है।
चंडीगढ़ के सेक्टर 37 बी निवासी उमेद सिंह ने गुड़गांव पुलिस कमिश्नर को एक शिकायत दी थी। इसमें कहा गया था कि राव दान सिंह से उनके घरेलू संबंध थे। एक दिन उन्होंने गुड़गांव में कॉलेज खोलने की बात कही। इस पर राव दान सिंह ने उन्हें हाउसिंग प्रोजेक्ट में आने को कहा। गुड़गांव के सेक्टर 110, 113 व 68 में तीन जगह पर पंद्रह एकड़ से अधिक की जमीन के एग्रीमेंट दिखाए गए। राव दान सिंह ने अपनी दो कथित बिल्डर कंपनियों के माध्यम से तीनों प्रोजेक्ट शुरू करने का दावा किया। इसके बाद एनओसी, सीएलयू, एलओआई आदि के नाम पर वर्ष 2012 से फरवरी 2103 तक उनसे करीब 88 करोड़ रुपये लिए गए। पूरे मामलों में राव दान सिंह के अलावा उनके बेटे अक्षत राव, समालखा के पूर्व विधायक धर्मचंद छौकर, सिद्धार्थ चौहान, विरेंद्र वर्मा, पूर्व सीएम के ओएसडी महेंद्र सिंह चौपड़ा, डीपी डूडेजा, अनिता राय, नरेश गर्ग आदि के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।
पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क ने बताया कि तीनों मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। डीसीपी क्राइम को एसआईटी का इंचार्ज बनाया गया है।