बेंगलुरु। देश की प्रमुख आई कंपनी इंफोसिस में करोड़पति अधिकारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गत एक वर्ष मेंम इन्फोसिस में करोड़पतियों और मोटी तनखा पाने वाले एंप्लॉयीज की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि सीईओ विशाल सिक्का का यह एक प्रयास है जिससे कंपनी के अधिकारियों को बाजार के हिसाब से बराबर वेतन मिले और कंपनी छोडऩे वाले अधिकारियों की संख्या में कमी लाई जा सके।
पिछले वर्ष 2014-15 में 1 करोड़ रुपए से अधिक वेतन पाने वाले 113 एंप्लॉयीज थे। जबकि 1 वर्ष पुर्व तक ऐसे कर्मचारिया की संख्या मात्र 18 थी। वहीं 202 कर्मचारी ऐसे है जिन्हें 60 लाख रुपए से अधिक सैलरी मिलती है जबकि 2013-14 में ऐसे कर्मचारी सिर्फ 72 थे। कई कर्मचारी की वेतन में भारी वृद्धि देखने को मिली।
60 लाख से अधिक की कमाई वाले कई कर्मचारी ऐसे है जो 2013-14 में इस लिस्ट में सम्मिलित नहीं थे। लंबे समय से कंपनी के साथ बने हुए अधिकारियों की सैलरी भी पिछले वर्ष 1 करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है। वाइस प्रेजीडेंट स्तर के अधिकारी भी जो पहले लगभग 1.5 करोड़ रुपए तक वेतन पाते थे उन्हें भी पिछले साल 3-4 करोड़ रुपए तक वेतन मिला।
सभी आंकड़े इन्फोसिस की ऐनु्अल रिपोर्ट से लिए गए है। रिपोर्ट में दिए गए 1 लेख में 2014-15 में कई अधिकारियों को अच्छा बोनस भी दिया गया है। हालांकि विप्रो की पिछले वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इंफोसिस आगे ही रहेगी।
रिपोर्ट के अनुसार विप्रो में कर्मचारियों की संख्या 1.58 लाख है, जबकि इन्फोसिस में 1.76 लाख है। बताते है कि विशाल सिक्का खुद यहां 5.08 मिलियन डॉलर की सैलरी पर आये थे, जिसमें से 900,000 डॉलर उनकी बेस सैलरी थी और 4.18 मिलियन डॉलर वेरिएबल वेतन। इस वेतन। ने उन्हें इंडिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले प्रोफेशनल सीईओ में से 1 का दर्जा दिया।