भारत सरकार ने खाद्य क्षेत्र से जुड़ी कंपनी नेस्ले से क्षतिपूर्ति के तौर पर हर्जाने की मांग की है। सरकारी अधिकारियों ने रविवार को बताया कि जब मैगी नूडल्स में अधिक मात्रा में सीसा पाए जाने की रिपोर्ट मिली और पूरे देश भर के बाजार से मैगी को हटा लिया गया उसके बाद सरकार ने ऐसी मांग की है। खाद्य मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 'यह आम लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर मसला है और कानून भी हमें इसकी अनुमति देता है कि हम दोषी कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।'
भारतीय उपभोक्ताओं की ओर से यह दावा किया जा सकता है और यह मामला अदालत की तरफ से दर्ज न होकर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) की ओर से दर्ज हो सकता है जिसके पास अर्ध-न्यायिक शक्तियां हैं और यह मामले और नुकसान की व्यापकता पर फैसला कर सकता है। अधिकारियों का कहना है कि नेस्ले पर गलत तरीके से कारोबार करने का आरोप है और यह पहला मामला है जब भारत सरकार ने किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी से क्षतिपूर्ति के लिए हर्जाना मांगा है। भारत में नेस्ले के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को रविवार तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि एनसीडीआरसी कंपनी को तब अधिसूचित करेगा जब मामला उसके पास आएगा और अगले हफ्ते तक संभावना बन सकती है। भारत में नेस्ले विवादों में मई महीने से घिरी है जब एक क्षेत्रीय नियामक ने कहा कि इसने मैगी नूडल्स के कुछ पैकेट में अत्यधिक सीसा और मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) पाया। मैगी एक सस्ता और लोकप्रिय स्नैक है। उसके बाद से कई राज्य नियामकों ने इस मामले पर कदम उठाया। शुक्रवार को नेस्ले ने कहा कि यह अस्थायी तौर पर देश के दुकानों से मैगी नूडल्स हटा लेगी हालांकि इसने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं।
भारत में मैगी की कुल बिक्री नेस्ले समूह की सालाना बिक्री के 1 फीसदी से भी कम है जिसमें सॉसेज और मसाले भी शामिल हैं लेकिन ब्रांड की छवि ऐसे देश में खराब होना बड़ी बात है जहां नूडल्स घरों और बाहर काफी लोकप्रिय है। नेस्ले के मुख्य वैश्विक कार्यकारी शुक्रवार को भारत आए ताकि भारत में लोकप्रिय रहे इस ब्रांड की मदद की जा सके। रविवार को भारतीय समाचार पत्रों में यह बात आई कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एजेंसी भारत में नेस्ले के उत्पाद तैयार करने वाली फैक्टरियों की निगरानी करेगी। भारत में नेस्ले की आठ फैक्टरियां हैं हालांकि सभी मैगी नहीं तैयार करती हैं। एजेंसी के कार्यालय में रविवार को फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिला।