जोधपुर - भविष्य निधि योजना (पीएफ) से बार-बार पैसे निकालना अब आपको महंगा पड़ सकता है। पांच साल से पहले पीएफ खाते से पैसे निकालने पर दस फीसदी टीडीएस देना पड़ेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार के बजट में पीएफ पर टीडीएस कटौती का प्रावधान कर दिया जो एक अप्रेल 2015 से लागू होगा। इसके अनुसार पीएफ खाताधारक पांच साल (लगातार) से पहले अपने खाते से पैसे निकालता है तो उस पर टीडीएस कटेगा।
अगर पीएफ खाताधारक पुराने पीएफ खाते से नए खाते अथवा पुराने एम्पलॉयर से नए एम्पलॉयर में स्थानांतरित होता है तो भी इसकी गणना लगातार पांच वर्ष के तौर पर की जाएगी। पीएफ से निकाली गई रकम 30 हजार रुपए से कम है तो उस स्थिति में टीडीएस नहीं देना पड़ेगा।
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अधिक टैक्स
सरकारी व निजी कर्मचारियों के लिए पीएफ खाते के साथ अपना आयकर विभाग का पैन नम्बर (स्थायी खाता संख्या) रखना भी अनिवार्य जैसा हो गया है। पैन नम्बर नहीं होने की स्थिति में पीएफ खाते से पैसे निकालने पर उस पर टैक्स की गणना अधिकतम सीमांत दर के अनुसार की जाएगी जो आयकर स्लैब के अनुसार 35 फीसदी तक हो सकती है।
निवेश में परेशानी
पीएफ खाते की रकम को सबसे अधिक सुरक्षित, बगैर टैक्स और अधिकतम रिटर्न देनी वाली माना जाता है। सरकार पीएफ की रकम को सुरक्षित बॉण्ड सहित अन्य कार्यों में निवेश करती है। बीते कुछ सालों से पीएफ खाते से लोगों द्वारा निकासी बढ़ गई थी, जिससे सरकार को निवेश की हुई रकम को बार-बार निकालना पड़ रहा था। इसी से बचने और पीएफ की रकम को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने को बढ़ावा देने के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है।
सरकार ने पहली बार यह कदम उठाया है और इस बार पीएफ से निकासी करने पर दस फीसदी की दर से टीडीएस लगेगा। हालांकि टीडीएस की रकम वापस मिल जाएगी, लेकिन खाताधारकों को एक बार दुविधा तो होगी। - महावीर बोहरा, सीए व आयकर विशेषज्ञ