फरीदकोट। जेल में नशा तस्करी के मामले में गत दो सितंबर को गिरफ्तार सहायक जेल अधीक्षक कर्मजीत सिंह भुल्लर को शनिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सतीश कुमार की अदालत में पेश किया गया। पेशी के दौरान भुल्लर ने आरोप लगाया कि पुलिस के उच्चाधिकारियों ने बिना टेंडर के प्रदेश भर की जेलों में राशन के लिए खरीदे गए सामान में 97 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।
वह इस बारे में आरटीआई आदि के तहत जानकारी एकत्र कर रहे थे, इसलिए उन्हें कथित रूप से सबक सिखाने के लिए उन पर जेल में नशा तस्करी का आरोप लगाया गया है। भुल्लर ने अदालत को बताया है कि उच्चाधिकारियों ने पंजाब की जेलों में बनी कैंटीनों के लिए कैदियों व हवालातियों के लिए सामान खरीदने में भारी गोलमाल किया है। कैंटीनों के लिए खरीदा गया ज्यादातर सामान अपनी मियाद पूरी कर चुका था। अदालत ने भुल्लर को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
उधर, जेलों में हुए उक्त घपले की शिकायत मिलने के बाद पंजाब सरकार ने पहले ही इस मामले की पड़ताल के लिए विशेष जांच टीम का गठन कर कपूरथला के एसपी जगजीत सिंह को इसका इंचार्ज नियुक्तकर चुकी है।
इस संदर्भ में डीआईजी जेल लखमिंदर सिंह जाखड़ का कहना है कि कैंटीन नियम 1965 के तहत जेल अधीक्षक बिना टेंडरों के कैंटीन के लिए राशन खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि 97 करोड़ के घोटाले वाली शिकायत कर्मजीत सिंह भुल्लर की ओर से की गई है और वह स्वयं जेल सहायक अधीक्षक है तथा उसके खिलाफ जेल में नशा सप्लाई करने के दो पर्चे हो चुके हैं।