दरभंगा - चिटफंड सुनामी की लहर में दरभंगा जिला भी अव्वल है। चिटफंड कंपनी का फर्जीवाड़ा लगातार उजागर होता रहा है। जिले में एक और चिटफंड कंपनी सामने आई है, जो सौ महीने की स्कीम में रकम दोगुनी होने का झांसा दे रही है। शहर ही नहीं बल्कि गांव-देहात के निवेशकों का विश्वास तोड़कर करोड़ों रुपये लुभावनी स्कीम में जमा करवा लिया है। इस स्कीम को अमली जामा पहनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एजेंट बनाया। एजेंटों को 20 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता था। मोटा कमीशन पाने से ज्यादा लोग जुड़े हैं। कंपनी गारंटी के नाम पर केवल बांड पेपर देती थी। यह कहा जाता था कि ये एक तरह से चेक है। इसी तरह से यह कंपनी कई दूसरी-तीसरी स्कीम भी चला रही है। बुधवार को सिटी एसपी हर किशोर राय की सूझबूझ पर यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। बहेड़ी थाने के निमैठी गांव में कारोबारी के घर और उसके कई ठिकाने पर पुलिस की स्पेशल टीम ने छापेमारी की। इन जगहों से कोई धंधेबाज गिरफ्तार नहीं हो सका। लेकिन, फर्जीवाड़े से संबंधित तमाम सुबूत पुलिस को जरूर हाथ लगे हैं। इस पूरे ऑपरेशन को गोपनीय रखा गया है।
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लीक हो गई सूचना, भाग खड़े हुए धंधेबाज
पुलिस के सूत्रों ने कहा कि निमैठी गांव में गयानंद ¨सह का पुत्र शंभू ¨सह इस चिटफंड कंपनी का कर्ताधर्ता है। उसने बड़ी संख्या में एजेंट बहाल कर रखा है, जो पिछले कुछ दिनों में ही 25 लाख से उपर रुपये लोगों से ऐंठ चुका है। पिछले शुक्रवार को ही 100 लोगों से 25-25 हजार रुपये लेकर नई स्कीम लांच करने की बात पुलिस तक पहुंची और आखरिकार उसकी कारगुजारियां पकड़ में आ गई। निमैठी गांव के बाद एपीएम के सुरहा चट्टी चौक पर भी पुलिस ने एक कोयला दुकान में छापा मारा। डीएसपी सदर दिलनवाज अहमद और इस पूरे ऑपरेशन को लीड कर रही प्रशिक्षु डीएसपी रश्मि ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ छापेमारी की पुष्टि की। हालांकि, उन लोगों ने कोई भी जानकारी देने से परहेज करते हुए सिटी एसपी से संपर्क साधने को कहा। छापेमारी में एपीएम, बहादुरपुर, पतोर ओपी, बहेड़ी थाने की पुलिस भी साथ थी। पता चला यह गुप्त ऑपरेशन थाने के किसी मुखबीरों ने लीक कर दिया, जिससे धंधेबाज बोरिया-बिस्तर समेट बैठे। पुलिस सूत्रों ने कहा, फिर भी काफी सारा सुबूत हाथ लग गए हैं जिसके आधार पर धंधेबाजों के खिलाफ मजबूत केस बनेगा। यह भी बताया कि निमैठी का धंधेबाज इस धंधे के अतिरिक्त आसपास के कई इलाकों में सूद पर पैसे लगाता है। ठेकेदारी भी करता है। चिटफंड वाला यह धंधा कोई नया नहीं है। पुलिस ने कहा कि लंबे अर्से से यह अवैध कारोबार चल रहा है, लेकिन किसी ने लिखित शिकायत नहीं कर रखी है।
इस तरह का सिस्टम बनाया था कंपनी ने
सूत्रों ने बताया कि इन लोगों के गैंग ने 100 लोगों के 25-25 हजार रुपये कर के कंपनी में जमा करवाया है। शर्त यह कि हर महीने लॉट्री निकलेगी और एक विजेता को उसकी जमा पूंजी की दोगुनी रकम लौटाई जाएगी। मान लीजिए किसी व्यक्ति ने चालू महीने में 25 हजार रुपये जमा किए हैं और उनके नाम लॉटरी निकल गई तो 50 हजार रुपये मिलेंगे। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति की 99वें माह में बारी आई तो उतने महीने में उसकी जमा पूंजी दोगुनी होगी। यह किस्मत का खेल है। ल किन, मनी डब¨लग की लालच में पैसे फंसाने वाले लोगों की कमी नहीं है। उपर से धंधेबाज उन्हें चिकनी-चुपड़ी बातों में फांस लेने में माहिर होते हैं। खासतौर पर ये लोग उन्हें अपना शिकार बनाते हैं, जो समान्यतया कम पढ़े-लिखे और सीधे-सादे स्वाभाव के होते हैं। वजह यह भी कि वैसे लोगों से झगड़ा-फसाद या आगे चलकर कोई मुसीबत होने का खतरा नहीं रहता। इधर, छापा पड़ते ही निवेषकों में हड़कंप मच गया है।
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एजेंटों ने कमीशन के लालच में रिश्तेदारों के भी पैसे जमा करवाए
कंपनी के जाल में खुद उसी कंपनी के एजेंट के तौर पर पैसे वसूलने वाले युवक भी फंस गए हैं। एजेंट बनने के साथ-साथ कंपनी की लुभावनी स्कीम देखकर उन्होंने खुद अपने घर के पैसे लगाए और अपने रिश्तेदारों से भी लाखों इन्वेस्ट करवाया। अब बुरे फंसने के बाद एजेंटों की बोलती बंद है। हालांकि, अभी तक किसी ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। सिटी एसपी ने मुखबीरों को लगाया और सत्यापन के बाद बुधवार को स्पेशल टीम ने धावा बोल दिया। इस चिटफंड कंपनी के खिलाफ मजबूत केस बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
रिश्तेदारों का पैसा लगवाकर फंसे
चिटफंड कंपनी का शिकार एक व्यक्ति ने कहा कि उसे तो तब पता चला जब पुलिस रेड मारने गई हुई थी। सहसा विश्वास ही नहीं हुआ। फिर सारी बातें सामने आ गईं। उसने कहा कि अपने घर के अलावा रिश्तेदार और आसपास के दूसरे लोगों से मोटी रकम जमा करवा रखा है। इसमें मासिक स्कीम के साथ सालाना स्कीम है। उसने बताया कि एक परिचित के एजेंट के माध्यम से वह इस कंपनी से जुड़ गया।
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