उदयपुर एक अखबार के प्रतिनिधि बनकर लोहा बाजार क्षेत्र में एक दुकान पर गए उचक्कों ने 399 में सालाना की स्कीम बताकर व्यापारी से लिए चेक में हेराफेरी कर करीब पांच लाख की चपत लगा दी।
बैंक ने भी बिना जांच पड़ताल व आईडी प्रूफ के आरोपित को राशि थमा दी। आरोपितों का कृत्य कैमरे में कैद हो गया लेकिन दुकान पर आने वाले आरोपित और बैंक से राशि निकालने वाले आरोपित अलग-अलग हैं।
इन उचक्कों ने चमनपुरा क्षेत्र में ही इस व्यापारी के अलावा छह अन्य व्यापारियों से भी चेक लिए, धोखाधड़ी का पता चलते ही अन्य व्यापारियों ने बैंक को सूचना देकर पैसा रुकवा लिया।
धोखाधड़ी स्वप्नलोक टॉकिज के सामने वाली गली के लोहा बाजार स्थित महेन्द्र सेल्स कॉर्पोरेशन के व्यापारी मानसिंह पनगडि़या के साथ हुई।
पनगडि़या ने बताया कि उनकी दुकान पर दो युवक आए। उनके गले में अखबार का नाम लिखी पट्टी, हाथ में बैग तथा रसीद बुक थी।
आरोपितों ने व्यापारी पनगडिया को उनके यहां आने वाले अखबार के बारे में पूछा। बाद में उसने 399 रुपए में साल भर अखबार की स्कीम बताई। पनगडि़या ने बुक करवाते हुए केश देना चाहा तो आरोपितों ने अकाउंट-पे चैक मांगा। उनका कहना था कि कंपनी केश नहीं लेती है।
पनगडि़या ने 399 रुपए लिख चेक दिया। आरोपितों ने उन्हें रसीद भी दी। इसके बाद आरोपित पास ही छह अन्य दुकानों पर भी रसीद काटकर चेक ले गए।
आरोपितों ने चेक अपने अन्य साथियों को दे दिए, जिन्होंने चेक में लिखी राशि व तारीख मिटा दी। 399 रुपए की जगह आरोपितों ने उसमें 4.98 लाख रुपए लिखकर बैंक में चेक पेश किया। बैंक अधिकारियों ने बिना व्यापारियों को सूचना दिए भुगतान कर दिया।
व्यापारी को पता चला तो बैंक में दौड़े। पूछताछ की तो बैंक ने पल्ला झाड़ लिया। नियमानुसार 50 हजार से अधिक की राशि का भुगतान करने से पूर्व बैंक अधिकारी व्यापारी को सूचना देते है या आने वाले व्यक्ति से आईडी प्रूफ लेते है, लेकिन इस चेक में आरोपितों ने कुछ नहीं दिया। बैंक से राशि निकलने का पता चलते ही अन्य व्यापारियों ने भी तुरंत बैंक को सूचना देकर भुगतान रुकवाया।