रायपुर - छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनी का जाल फैलाकर करोड़ों की ठगी के मामले में पुलिस के फंदे में फंसे धौलपुर(राजस्थान) के विधायक बनवारी लाल कुशवाह से राजधानी रायपुर के रसूखदार भी जुड़े हो सकते हैं। जांच में जुटी पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी है। ठगी के इस साम्राज्य को खड़ा करने में मप्र के एक पूर्व मंत्री ने कुशवाह का खुलकर साथ दिया।
कुशवाह के छोटे भाई बाल किशन कुशवाह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पहले कार्यकाल के एक पूर्व गृह राज्यमंत्री और भाजपा के वर्तमान विधायक के दामाद हैं। लेकिन विधायक रहते हुए जब बनवारी लाल पर हत्या और चिटफंड कंपनी के जरिए तीन राज्यों में करीब आधा दर्जन धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए तो रिश्तेदार पूर्व मंत्री समेत रसूखदारों ने किनारा कर लिया। वहीं चिटफंड कंपनी में बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर उसके तीन भाई पुलिस के चंगुल से बचने विदेश में फरारी काट रहे हैं। तीनों ने विदेश में केसिनो का बड़ा कारोबार शुरू किया है। पुलिस को उनका लोकेशन मिल गया है। गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिए सीआईडी के माध्यम से सीबीआई दिल्ली को पत्र लिखकर इंटरपोल से मदद लेने की तैयारी पुलिस ने की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि करोड़ों की ठगी का आरोपी बनवारी पूर्व मंत्री कुशवाह परिवार के बेहद करीबी होने के साथ रिश्तेदार भी है। मामले की विवेचना से जुड़े अफसरों के मुताबिक पूर्व मंत्री ने विधायक कुशवाह की मुलाकात छत्तीसगढ़ के कुछ नेताओं, रसूखदार लोगों से करवाई थी। बनवारी ने कंपनी का दफ्तर तेलीबांधा इलाके में खोलकर सालों तक दोगुनी रकम दिलाने का झांसा देकर निवेशकों से लाखों रुपए जमा कराए थे। कंपनी में पैसा निवेश करने वालों में स्थानीय कारोबारी, नेता, ठेकेदार भी शामिल हैं।
ये हैं विदेश में
पुलिस की तफ्तीश में विधायक बनवारी लाल के साथ कंपनी के तीन और डाइरेक्टरों के बारे में जानकारी मिली है। तीन डाइरेक्टरों में से दो उसके सगे भाई बालकिशन कुशवाह व श्रीराम कुशवाह हैं, जबकि तीसरा आरोपी बनवारीलाल मथुरिया रिश्ते का भाई है। तीनों थाईलैंड में फरारी काटने के साथ केसिनो का बड़ा कारोबार कर रहे हैं।
नेपाल तक फैलाया ठगी का जाल
चिटफंड कंपनी में करोड़ों रुपए कमाने के बाद बनवारी लाल ने नेपाल में भी चिटफंड का जाल फैला रखा था। वहां उसके सगे भाई सारा कारोबार संभालते थे। उनकी योजना थी कि नेपाल के बाद दुबई, थाईलैंड में भी कंपनी का दफ्तर खोलकर वहीं पर बस जाएं, लेकिन इससे पहले की ठगी के कारोबार का विदेश तक विस्तार करते बनवारी लाल हत्या के केस में गिरफ्तार हो चुका था। वहीं ठगी के कई केस दर्ज होने पर सगे भाई थाईलैंड भाग निकले। चिटफंड कंपनी में इनकी बराबर की हिस्सेदारी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कंपनी के तीन फरार पाटर्नरों को दबोचने के लिए पुलिस टीम पूरी कवायद कर रही है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि उनका नेपाल आना-जाना लगा रहता है। वहां पर भी उन लोगों ने होटल और केसिनो तथा जमीन खरीदने में करोड़ों रुपए इनवेस्ट किए है। तीनों आरोपियों का लोकेशन नेपाल में ट्रेस आउट हुआ है।
नेपाल के फार्म हाउस में होती थी बैठक
चिटफंड कारोबार का साम्राज्य बढ़ाने व किन स्कीमों में निवेशकों का पैसा इनवेस्ट करना है। यह योजना खुद विधायक नेपाल स्थित अपने फार्म हाउस में बैठकर कंपनी से जुड़े लोगों के साथ चर्चा करके बनाता था। यही नहीं, किसी प्रदेश में चिटफंड कंपनी जाल फैलाने से पहले वहां के भ्रष्ट अफसरों और राजनेताओं की बाकायदा सूची बनाकर रखता था और समय पड़ने पर दबाव उन पर दबाव बनाता था। इस काम में पूर्व मंत्री की मदद भी लेता था।
करोड़ों की ठगी के मामले के आरोपी विधायक बनवारी लाल कुशवाह से पूछताछ में कंपनी से जुड़ी कई अहम जानकारी मिली है। उसके सगे भाइयों के विदेश में छिपे होने के इनपुट हैं।
- संजय ध्रुव, सीएसपी सिविल लाइन
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