ग्वालियर । चिटफंड फंड कंपनियों की गवाही को लेकर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोर्ट ने एएस इंडिया व अनमोल सहारा के खिलाफ गवाही के लिए 18 गवाह बुलाए थे, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए समंस लौटा दिए कि गवाह नहीं मिल रहे हैं। बताए हुए पते पर कोई नहीं रह रहा है। इसके चलते दोनों कंपनियों की ट्रायल रुक गई। पुलिस की इस लापरवाही से लोक अभियोजक ने पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया है।
अनमोल सहारा के खिलाफ झांसी रोड व एएस इंडिया के खिलाफ गोला का मंदिर थाने में केस दर्ज है। अनमोल सहारा केस में अब तक कोई गवाही नहीं हुई, जबकि एएस इंडिया के खिलाफ 6 निवेशकों ने गवाही दी है। गवाही को आगे बढ़ाने के लिए गवाहों को समंस भेजे गए थे, लेकिन बीते दिनों इन केसों के गवाह नहीं आए। पुलिस की ओर से समंस पर लिखकर आ गया कि जिसे समंस भेज गया था, वह व्यक्ति पते पर नहीं मिला है। इसलिए गवाह गवाही के लिए नहीं आ सकता है। कोर्ट के निर्देश पर लोक अभियोजक जगदीश शर्मा ने पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा है कि जांच के दौरान गवाह पुलिस ने बनाए थे। उनका नाम, पता पुलिस ने ही पेश किया। अब बताया जा रहा है कि गवाह पते पर नहीं रह रहे हैं। पुलिस ने गवाहों को ढूंढ़ने का प्रयास नहीं किया है। इसलिए अगली सुनवाई पर गवाहों को कोर्ट में उपस्थित कराया जाए, जिससे केस की ट्रायल आगे बढ़ सके।
पुलिस नहीं दिखा रही दिलचस्पी
-चिटफंड कंपनियों की ट्रायल को लेकर पुलिस दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। 18 कंपनियों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रही है। इन केसों की ट्रायल काफी धीमी चल रही है, क्योंकि पुलिस गवाहों को लेकर नहीं आ रही है।
- पुलिस चिटफंड के सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उनके फरारी में चालान पेश कर दिए हैं। अगर फरार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है तो फिर से उन्हीं गवाहों को बुलाना पड़ता है।
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