# चिटफंड किंग कमल सिंह का जीजा है आरोपी जीतेंद्र सिंह
# जीतेंद्र ने पीडि़तों को दी जान मारने की धमकी
# जमीन देने और बीवी का इलाज कराने के नाम पर उगाहे थे रुपए
JAMSHEDPUR: जमीन दिलाने के नाम पर शहर के दर्जन भर लोगों से करीब 51 लाख रुपए ठगी का मामला सामने आया है. ठगी करने का आरोप जीतेंद्र सिंह पर लगा है. जीतेंद्र चिटफंड घोटाला के आरोप में जेल में बंद कमल सिंह का जीजा है. सभी पीडि़त अपनी शिकायत लेकर एसएसपी ऑफिस में सोमवार को आए थे. इस मामले में पीडि़तों ने अलग-अलग शिकायत एसएसपी के नाम सौंपा है.
फ्रेंडशिप लोन के नाम पर की उगाही
फ्रेंडशिप लोन के नाम पर उगाही करने वाला मुख्य आरोपी जीतेंद्र सिंह बारीडीह इलाके का रहने वाला है. यहीं से उसने बारीडीह और आसपास के इलाकों में अपना नेटवर्क मजबूत किया था. पीडि़तों का आरोप है कि फ्रैंडशिप लोन के नाम से चिटफंड का कारोबार चलाता था. फ्रैंडशिप लोन का मतलब जमीन के प्लॉट के लिए छोटे-छोटे टुकड़ों में पैसों का निवेश था. इसी का सब्जबाग दिखाकर वह लोगों से पैसों की उगाही करता था. जादूगोड़ा स्थित कमल सिंह के राजकॉम के दफ्तर की भी देखरेख करता था.
एग्रीमेंट के थ्रू पैसों की होती थी उगाही
एग्रीमेंट पेपर पर पैसों का सारा लेनदेन होता था. पैसे जमा कराने के एवज में लाभुकों को एग्रीमेंट पेपर दिया जाता था. एग्रीमेंट पेपर के अलावा आईसीआईसीआई बैंक का चेकबुक भी लाभुकों को दिया गया था. पीडि़तों का आरोप है कि उनके पास एग्रीमेंट पेपर और चेकबुक है, लेकिन चेकबुक के थ्रू निकासी नहीं हो रही है. चेक जमा करने पर ओवर ड्राफ्ट हो जा रहा है.
इनका डूबा पैसा
प्रणव सरकार (Baridih, Jamshedpur, Jharkhand)
कन्हैया पांडेय (Baridih, Jamshedpur, Jharkhand)
विजय कुमार चौबे (Baridih, Jamshedpur, Jharkhand)
सुनील कुमार आचार्य (Sakchi, Jamshedpur, Jharkhand)
रंभा देवी (Golmuri, Jamshedpur, Jharkhand)
प्रेम शंकर सिंह (Golmuri, Jamshedpur, Jharkhand)
देवव्रत सिंहा (Pardih, Jamshedpur, Jharkhand)
ज्योतिर्मय कुमार (Sakchi, Jamshedpur, Jharkhand)
कमल की गिरफ्तारी के बाद जगी उम्मीद
चिटफंड के मास्टरमाइंट कमल की गिरफ्तारी के बाद लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वास जग गया है. मीडिया में आयी खबरों से लोग जागरूक हुए हैं और अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. 100 करोड़ रुपए चिटफंड के नाम पर उगाही करने वाला कमल फिलवक्त सलाखों के पीछे है. पिछले महीने पुलिस ने उसे असम से गिरफ्तार किया था.
लगाया था 10 करोड़ का चूना
आइनोवा ने रेकरिंग डिपॉजिट (RD) और फिक्स डिपॉजिट (FD) के नाम पर लोगों से उगाही की. परसुडीह निवासी उत्तम दत्ता नामक व्यक्ति इसका संचालन कराता था. जमशेदपुर, चक्रधरपुर, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, घाटशिला सहित अन्य जगहों पर 500 से ज्यादा एजेंट बहाल कराए. एजेंटों 10 प्रतिशत से ज्यादा कमीशन दिया जाता था. आरडी (RD) और एफडी (FD) के नाम पर लोगों से पैसे निवेश कराए जाते थे. साल भर में पैसे डबल करने की गारंटी दी जाती थी. हालांकि कंपनी ने शुरुआत के दिनों में मैच्योरिटी पूरी होने के बाद पैसा रिटर्न किया था. इसके बाद लोगों को विश्वास कंपनी के ऊपर जम गया. जैसे ही रकम ज्यादा हुई कंपनी लेकर फरार हो गई.
कंपनी ने इन्वेंस्टमेंट के बदले सुनहरे सपने दिखाए. कंपनी के सब्जबाग से मैंने एक आशियाने का सपना देखा था. साल 2009 से 2014 तक 25 लाख रुपए इन्वेस्ट किया. इसके बाद से कंपनी के लोग फरार हो गए. फिलहाल डिपॉजिट मनी की रिकवरी के लिए चक्कर काट रहा हूं.
प्रणव सरकार, इन्वेस्टर
फ्रेंडशिप लोन दिलाने के नाम पर जीतेंद्र सिंह ने ठगी की. खून-पसीने की कमाई को बड़े ही जतन से सहेज कर रखा था. पैसा निवेश करते वक्त कई लोगों ने मना भी किया था. लेकिन जमीन की लालच में मैंने पैसे निवेश किए. सबसे बड़ी बात है कि जमा करने के एवज में स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट होता था. क्या एग्रीमेंट पेपर भी धोखा है. - सुनील आचार्य, इन्वेस्टर