रायगढ़ ! रायगढ़ जिले में विभिन्न उद्योग लगने के कारण जब से ग्रामीणों व किसानों को भूमि अधिग्रहण का लाखों रूपया मिलने लगा है तभी से इन भोले भाले ग्रामीणों को टारगेट बनाकर चिटफंड कंपनियां उन्हें चुना लगाने में लगी है। सबसे दुखद तथ्य तो यह है कि ऐसी फर्जी कंपनियों का खुलासा तभी हो पाता है जब कंपनी के अधिकारी लाखों रूपये का गोलमाल करके मुख्यालय से चंपत हो चुके होते है। ऐसा ही एक मामला तब प्रकाश में आया जब शहर के कृष्णा काम्पलेक्स में एस.पी.एन.जे. लैंड प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड के नाम से रायगढ़ में ब्रांच खोलने वाली कंपनी के अधिकारियों ने पूर्वांचल क्षेत्र के 400 से अधिक किसानों से पांच साल में रकम दोगुना करने संबंधित विभिन्न स्कीमों में रकम जमा करने का झांसा देकर लगभग 1 करोड़ रूपये की ठगी कर ली और करीब डेढ साल पहले अपनी ब्रांच आफिस बंद कर फरार हो गये। पुलिस ने कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर जीएम व बीएम के खिलाफ प्रभावित किसानों की रिपोर्ट पर धोखाधडी का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में शहर के कृष्णा काम्पलेक्स स्थिति द्वितीय तल में एस.पी.एन.जे. लैण्ड प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड के नाम से ब्रांच आफिस खोली गई थी जिसके ब्रांच मैनेजर पुसौर के रहने वाले सोमेश साहू और जीएम धर्मजयगढ़ के रहने वाले मनोज राय थे। इस कंपनी का कथित हेड आफिस रायपुर पचपेडी नाका बताया जाता है, कंपनी के अधिकारियों ने वर्ष जून 2012 से लेकर मई 2014 के बीच पूर्वांचल क्षेत्र के ऐसे किसानों को टारगेट करके प्लान बनाया जिन्हें किसी न किसी नाम से भूमि अर्जन का लाखों रूपये का मुआजवा मिला है। कंपनी के इन अधिकारियों ने अपने स्थानीय एजेंडो के माध्यमों से पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में गांव-गांव जाकर अपने जाल बिछाया और भोले भाले आदिवासी, हरिजन तथा अन्य वर्ग के किसानों को पांच साल में रकम तीन गुना करने संबंधी मिक्स प्लान, ब्याजी प्लान, फिक्स डिपाजिट, आरडी प्लान आदि के नाम से लाखों रूपये कंपनी के खाते में जमा कराये और इनमें से कुछ जमा कर्ताओं को कुछ माह तक बकायदा ब्याज ही प्रदाय किया गया और वर्ष 2015 में जिला प्रशासन द्वारा कंपनी के स्थानीय आफिस की जांच के बाद कंपनी के अधिकारियों में हडकंप मच गया और कंपनी ने आनन-फानन में अपने काम काज को समेटना शुरू कर दिया। मई 2014 में जब तक किसानों को इस फर्जीवाडे का पता चलता तब तक पूरी की पूरी कंपनी और उनके अधिकारी स्थानीय ब्रांच कार्यालय में ताला जडकर मुख्यालय से फरार हो चुके थे। कई बार कंपनी के ब्रांच आफिस का चक्कर लगाने के बाद प्रभावितों किसानेां में घुररू उरांव, चमरू उरांव, अजय उरांव, घासीराम तिर्की, कार्तिकराम तिर्की,प्रदीप मिश्रा, श्रीमती रश्मि मिश्रा आदि की रिपोर्ट पर पुलिस ने कंपनी के एमडी राज कुमार बनर्जी, ब्रांच मैनेजर सुमेश साहू व जीएम मनोज राय के खिलाफ धारा 420, 120 बी व चीटफंड कंपनी अधिनियम की धारा 4, 5,6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को जांच में ले लिया है। चिटफंड कंपनी के नाम पर धोखाधडी के इस मामले में पुलिस की प्रारंभिक जांच में सैकड़ो किसानों से 92 लाख 46 हजार 771 रूपये की धोखाधडी का खुलासा हुआ है।
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