केरल, पश्चिम बंगाल और असम में होने जा रहे विधानसभा चुनाव घोटालों की छाया से मुक्त नहीं रहेंगे। तीनों राज्यों में बड़ा घोटाला काफी समय से चर्चा में रहा है और विपक्ष इसे हथियार बना कर सत्ता पक्ष पर वार करने से नहीं चुकेगा। घोटालों पर एक नजर:
केरल
सोलर ऊर्जा घोटाला: केरल सरकार ने राज्य में सोलर ऊर्जा के विकास के लिए प्रवासी भारतीयों और निवेशकों से निवेश मांगा था। सरकार ने वादा किया था कि निवेशकों को इस योजना से होने वाले फायदे में भागीदार बनाया जायेगा। बाद में सोलर ऊर्जा के नाम पर हुए इस घोटाले में राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी तक का नाम उछल गया। सीएम चांडी पर आरोप है कि उन्होंने घोटाले के मुख्य आरोपी थोमस कुरुविला से साल 2012 में 1.90 करोड़ की रिश्वत ली थी। इसके साथ ही राज्य के उर्जा मंत्री आर्यादन मोहम्मद पर 40 लाख रुपए बतौर रिश्वत लेने का आरोप है। आरोपों के अनुसार सीएम चांडी के निजी सहायक जिक्कुमॉन जैकब ने दी गई रिश्वत के बदले सोलर प्रोजेक्ट और जमीन का आवंटन किया था।
बार लाइसेंस घोटाला: केरल के वित्त मंत्री रहे केएम मणि पर आरोप है कि उन्होंने 418 बार के लाइसेंस रिन्यू करने के लिए 5 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। राज्य की नई शराब नीतियों के चलते पांच सितारा होटलों के अतिरिक्त सभी शराब बार के लाइसेंस रद्द कर दिए गये थे। राज्य के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मणि पर आरोप लगाया है कि ऐसा करने के लिए उन्हें दो किश्तों में रिश्वत दी गई थी। मणि इस केस में आरोपी हैं। वह अपने पद से नवंबर 2015 में इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन लेफ्ट इस मुद्दे को अभी भी गरमाए हुए है। राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी अपनी सरकार पर लगे तमाम आरोपों के बावजूद दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार ने अच्छा काम किया है और विधानसभा चुनाव में यूडीएफ अच्छा प्रदर्शन करेगी।
पश्चिम बंगाल
सारदा घोटाला: ममता बनर्जी की सरकार में हुए 34,000 करोड़ रुपए के सारदा चिटफंड घोटाले ने पार्टी की छवि को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। इस घोटाले के चलते तृणमूल कांग्रेस के कई नेता जेल के अंदर पहुंच चुके हैं। इनमें राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्रा, पार्टी के निलंबित सांसद कुनाल घोष, पूर्व डीजीपी और पार्टी नेता रजत मजूमदार, पार्टी सांसद सृंजय बोस जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इस घोटाले में करीब 200 छोटी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन चिटफंड कंपनियों में करीब 17 लाख लोगों ने निवेश किया था और करीब 33 लाख लोग इस घोटाले से प्रभावित हुए हैं।
असम
असम में भी सारदा चिटफंड घोटाले की आंच देखने को मिली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह इस घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं। उनके अतिरिक्त पूर्व कांग्रेस नेता जो अब बीजेपी में हैं हेमंत बिस्व सरमा, राज्य कांग्रेस चीफ अंजन दत्ता का नाम भी इस घोटाले में उछल चुका है।
उधर, पुडुचेरी में भी 80 करोड़ रुपए का पिल्यरकूपम जमीन घोटाला, एमबीबीएस एडमिशन घोटाला जिसमें फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के कारण छह सरकारी अधिकारी निलंबित कर दिए गए, इसके अलावा स्कॉलरशिप घोटाला भी पिछले दिनों मीडिया में छाया रहा है।
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