Dr. Surya Kanta Mishra said the sit-in demonstration collocation Left, Trinamool government has trailed in Bengal
Admin | 01 February, 2016 | 813 | 3980
कोलकाता - तृणमूल के सत्ता में रहने के दौरान राज्य का विकास ही नहीं थमा, बल्कि विकास के मामले में राज्य पिछड़ता ही चला जा रहा है. एक ओर राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति चरमरा रही है, तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
कई किसान आत्महत्या को मजबूर हुए, तो चाय बागानों के दर्जनों श्रमिकों की मौत भूख और गरीबी से होने की घटनाएं सामने आयीं. राज्य की अराजकता भरी स्थिति के लिए केवल तृणमूल सरकार की नीति जिम्मेदार है. यह आरोप माकपा के राज्य सचिव व विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने गुरुवार को लगाया. वह महानगर में वाम मोरचा की कोलकाता जिला कमेटी की ओर से आयोजित धरना-प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे.
तृणमूल हटाओ, बंगाल बचाओ का दिया नारा
यहां उन्होंने राज्य में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का आह्वान करते हुए 'तृणमूल हटाओ बंगाल बचाओ, भाजपा हटाओ देश बचाओ' का नारा बुलंद किया. सारधा चिटफंड कांड मामले का जिक्र करते हुए श्री मिश्रा ने तृणमूल सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है जब करोड़ों रुपये घोटाले मामले के आरोप में राज्य के किसी मंत्री की गिरफ्तारी हुई. इतना ही नहीं कथित तौर पर कई तृणमूल कांग्रेस के आला नेता भी जांच के घेरे में हैं. ऐसा राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है. वाम मोरचा के शासनकाल में ऐसी शर्मनाक बात नहीं हुई. सारधा चिटफंड कांड मामले के पीड़ितों के रुपये वापस लौटाने के प्रति भी तृणमूल सरकार का रवैया उदासीन है. ट्राइडेंट लाइट लगाये जानेवाली योजना में अनियमितता बरते जाने का आरोप भी वाम मोरचा नेता ने लगाया. तृणमूल सरकार की औद्योगिक नीतियों पर सूर्यकांत मिश्रा ने दावा किया कि सिंगूर मेें वाम मोरचा सरकार ही कारखाना लगा सकती है.
इतना ही नहीं शालबनी, नयाचर व रघुनाथपुर में भी कारखाना स्थापना के साथ वहां औद्योगिक विकास वामपंथी सरकार कर सकती है. तृणमूल सरकार की नीति औद्योगिक विकास विरोधी है. लघु उद्योग विकास के मामले में राज्य का स्थान पिछड़ कर आठवें नंबर पर चला गया है. माकपा नेता ने दावा किया है कि वाम मोरचा सरकार ही सारधा चिटफंड कांड के पीड़ितों का मुआवजा दे सकती है.