समस्तीपुर, बिहार - आम तौर पर आम आदमी जिंदगी भर कड़ी मेहनत करने के बावजूद शायद ही 8 लाख रूपए की रकम जुटा पाता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि एक भिखारी के बैंक खाते में साढ़े आठ लाख की रुपेए मिले बुद्धु शाही के पुत्र कामेश्वर शाही का शव लावारिस स्थिति में समस्तीपुर स्टेशन पर मिला। पुलिस ने कामेश्वर शाही की मौत की सूचना उनके घरवालों को दे दी और घरवाले उनकी लाश को ले गए।
पुलिस को कैसे जानकारी हुई लावारिस कामेश्वर शाही के परिवार की? जब मृत पड़े कामेश्वर शाही के पास पड़े सामानों की तलाशी ली गई तो पता लगा यह भिखारी आम नहीं बल्की लखपति था।
जीआरपी के दारोगा रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को साढ़े दस बजे खबर मिली कि समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक भिखारी मृत पड़ा हुआ है। वह जब भिखारी की लाश को लाने गए तब उसके सामानों की जांच-पड़ताल के दौरान बैंक खाता मिला जिसमें साढ़े आठ लाख रुपए जमा थे।
यह रुपए भिखारी के पासबुक में 2013 के छठे महीने में दर्शाया मिला है। जांच-पड़ताल से मिली अन्य जानकारी के अनुसार भिखारी का परिवार मुजफ्फपुर में रहता है और उसके पिता का नाम बुद्धु शाही है। बुद्धु शाही की मौत वर्षों पहले हो गई।
भिखारी की पत्नी सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। पुलिस ने बताया कि पिता की मौत की सूचना के बावजूद वह उनके दाह-संस्कार में शामिल नहीं हुआ था।
कामेश्वर के बेटे ने अपने दादा को मुखाग्नि दी थी। पुलिस के अनुसार संभवत: पिता के साथ संबंध बिगड़ जाने के कारण कामेश्वर यहां समस्तीपुर आकर रहने लगा था और भीख मांगकर अपना जीवन यापन किया करता था।
भिखारी के बैंक खाते में लाखों रुपए होने की जानकारी के बाद उत्सुकता के साथ जब हमारे संवाददाता ने पास के एक-दो भिखारी से बात की। सुरेंद्र नामक एक भिखारी ने बताया कि उसे दिनभर में 30 से 40 रुपये मिल जाते हैं जो उसके लिए बहुत हैं। उसी से वह अपना गुजारा कर लिया करता है।
आंखों से कम दिखने की जानकारी देते हुए परिवारवाले राम माथुर पासवान नामक भिखारी ने बताया कि उसने अबतक 30 हजार रुपए जमा कर लिए हैं। वह भिक्षा से मिले पैसे अपने परिवार को भी दिया करता है।