हल्द्वानी: हैलो..मैं ??? मोबाइल कंपनी से बोल रहा हूं। सेल्स प्रमोशन के लिए कंपनी ने लकी ड्रा निकाला था, जिसमें आपका नाम सलेक्ट हुआ है। कंपनी 19 हजार का मोबाइल आपको सिर्फ तीन हजार का दे रही है। यकीन करने के लिए पहले पार्सल देख लें, फिर पैसे भरें।
करीब पंद्रह दिन पहले ऐसी ही एक कॉल कुसुमखेड़ा के बिठौरिया नंबर-एक के रहने वाले ललित के पास आई थी। चूंकि जिस व्यक्ति ने फोन किया था, उसने खुद को एक नामचीन मोबाइल कंपनी का प्रतिनिधि बताया, इसलिए ललित यकीन कर बैठा और वह प्रधान डाकघर में पार्सल लेने के लिए पहुंच गया। उसे खुद के साथ ठगी का एहसास तब हुआ, जब उसने डाक विभाग से पहले पार्सल खोलकर देखने और उसके पास ही कैश ऑन डिलीवरी देने को कहा। जबकि डाक कर्मी ने नियम का हवाला देते हुए कहा कि पार्सल खुल गया तो सामान कुछ भी निकले, ग्राहक को पैसे तो पूरे ही जमा करने होंगे। इसके बाद ललित को समझ में आ गया कि दरअसल, सस्ते मोबाइल के लिए जो कॉल आई थी, वह एक धोखाधड़ी करने का जाल था। ललित का कहना है कि करीब पंद्रह दिन पहले उसके मोबाइल पर सस्ते मोबाइल के लिए कॉल तो आई। इसके बाद जब उसने कई दिन तक ध्यान नहीं दिया तो बीच-बीच में कई बार फोन आते रहे।
कैश ऑन डिलीवरी करने प्रोडक्ट बेचने के नाम पर इन दिनों ठगी का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। पोस्ट आफिस इसका जरिया बन चुका है। ऐसी फ्रॉड करने वाले कंपनी का नाम लेकर कॉल करके पार्सल लेने के लिए उकसाती हैं, और लालच में आकर कोई ग्राहक अगर पार्सल खोल लेता है तो अंदर सामान कुछ भी निकले, पोस्ट आफिस को उसे पूरा पैसा तो भरना ही होता है। डाक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनका काम सिर्फ पार्सल की डिलीवरी देना और कैश जमा करना होता है, बाकी कंपनी और ग्राहक के बीच क्या करार है, इससे उसे कोई लेना देना नहीं होता।