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नई दिल्ली। NPA को लेकर एनबीएफसी में सख्ती से सेक्टर को आने वाले समय में फायदा मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा इंफ्रा सेक्टर में खर्च बढ़ने से कमर्शियल व्हीकल सेग्मेंट में ग्रोथ की उम्मीद है, जिसका लाभ एनबीएफसी को मिलना तय है। ऐसे में एसेट क्वालिटी में सुधार की उम्मीद और बेहतर ग्रोथ संकेतों से एनबीएफसी शेयरों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद बन गई है। इससे निवेशक इन शेयरों में निवेश कर सकते हैं।


 


NPA पर सख्त नियमों से बेहतर होगा सेक्टर


 


इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल नियमों में सख्ती से नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) का कुल NPA 1.5 से 1.7 फीसदी तक बढ़ सकता है। 2016-17 में नए नियमों के मुताबिक एनबीएफसी को ऐसे कर्जों को एनपीए घोषित करना होगा, जिनका भुगतान 120 दिन तक नहीं हुआ है। फिलहाल यह समय-सीमा 150 दिन है। वहीं 2017-18 से यह समय-सीमा 90 दिन होगी, जिसके बाद एनबीएफसी के एनपीए तय करने के नियम बैंकों के समान हो जाएंगे। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी‘इकरा’ ने कहा कि नए नियमों का इस सेक्टर पर सकारात्मक असर दिखेगा और 2016-17 से एसेट क्वालिटी में सुधार आने लगेगा।


 


कई एनबीएफसी कंपनियों का एनपीए काफी अधिक


 


वहीं, इक्विटीरश के टेक्निकल एनालिस्ट कुणाल सरावगी ने इन नियमों को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उनके मुताबिक कई एनबीएफसी के एनपीए सामने नहीं आ पाते हैं। इससे सेक्टर पर जोखिम का सही अंदाजा नहीं लग पाता है और खतरा बढ़ता चला जाता है। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी सेक्टर की कई कंपनियों में एनपीए का स्तर काफी है। हालांकि, कई कंपनियां ऐसी हैं जिनका प्रदर्शन काफी बेहतर है। अगर नियम सख्त किए जाते हैं तो मजबूत कंपनियों को आसानी से पहचाना जा सकेगा।


 


बेहतर रहेगी एनबीएफसी की क्रेडिट ग्रोथ


 


क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इकरा की रिपोर्ट के मुताबिक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस की मौजूदा वित्त वर्ष में क्रेडिट ग्रोथ 18 फीसदी रह सकती है। पिछले वित्त वर्ष में क्रेडिट ग्रोथ 14.5 फीसदी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत से कम बारिश की वजह से ट्रैक्टर सेग्मेंट में सुस्ती है। हालांकि कमर्शियल सेक्टर में मांग बढ़ने से क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद बंधी है। रिपोर्ट से यह भी साफ है कि वित्त वर्ष 2016-17 में रिकवरी की अच्‍छी उम्मीद है।


 



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  • 12 February, 2016
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