कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए दो सरकार के वक्त सामने आए बहुचर्चित कोयला घोटाले में आरोपियों ने जज को ही मैनेज करने की कोशिश की है। इस सिलसिले में एक जूनियर वकील स्पेशल कोर्ट के जज भारत पराशर से व्यक्तिगत तौर पर मिलना चाह रहा था।
स्पेशल जज ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए इस बात पर नाराजगी जताई और बचाव पक्ष के वकीलों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे सुनिश्चत कर लें कि जिन्होंने 'वकालतनामा' फाइल की है, वे ही कोर्ट में उपस्थित हो सकें। उनके अलावा बचाव पक्ष की ओर से कोई वकील कोर्ट में मौजूद नहीं रहेगा।
मामला कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और कई अन्य से जुड़ा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जून तक स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि बीते 22 मई को ही विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सात अन्य की जमानत अर्जी मंजूर की थी। जिंदल, राव, कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता और अन्य आरोपी के रूप में सीबीआई के स्पेशल जज भारत पराशर के सामने पेश हुए थे और उन्होंने जमानत के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं।