वॉशिंगटन: पाकिस्तान को अमेरिका से और आर्थिक मदद मिलने का रास्ता साफ हो गया है। भारत की यात्रा पर आने से ठीक पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान सरकार को अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का सर्टिफिकेट दिया है। अमेरिका के इस कदम पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है।
जॉन केरी के सर्टिफिकेट से पाकिस्तान केरी-लुगार बिल के तहत अमेरिका से सहायता पैकज पाने के पात्र हो गया है। इस बिल में आतंक के खिलाफ कार्रवाई एक महत्वपूर्ण शर्त है, जिसे पूरा करने के बाद ही पाकिस्तान अमेरिका से आर्थिक सहायता पाने के योग्य बन सकता है।
अमेरिकी कांग्रेस से 2010 में पारित केरी-लुगार बिल के तहत पाकिस्तान को 2010-14 के दौरान 1.5 अरब डॉलर प्रति वर्ष असैन्य अमेरिकी सहायता मिल सकती है। जॉन केरी के सर्टिफिकेट के साथ ही उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जल्द ही पाकिस्तान को आर्थिक सहायता जारी कर देंगे।
भारत के खिलाफ हमले के साजिशकर्ताओं को पाकिस्तान में मिल रहे प्रश्रय के बावजूद उसे अमेरिकी मदद से भारत में तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है। जहां पाकिस्तान की जमीं से आतंकवादी भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, वहीं हाफिज सईद जैसे मुंबई हमले के आरोपियों के खिलाफ वह अपेक्षा के अनुरूप कार्रवाई नहीं कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के मुख्य अतिथि के तौर पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन भारत दौरे पर आने की तैयारियों में दोनों देश जुटा हुआ है। उनके दौरे के पहले वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए केरी आएंगे। इसके बाद केरी के अमेरिका-पाक रणनीतिक वार्ता के लिए पाकिस्तान जाने की उम्मीद है।