खरगोन - जिले में 12 साल तक लोगों से निवेश कराने के बाद फरार चिटफंड कंपनी जीएन डेयरीज और जीएन गोल्ड के दफ्तरों पर ताला लग चुका है। कंपनी में निवेश कराने वाले एजेंट अब भी कंपनी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के आगे गुहार लगा लगाकर पस्त हुए यह एजेंट गुरुवार को कोर्ट की शरण में पहुंचे। हालांकि अधूरी जानकारी के साथ कोर्ट पहुंचे एजेंट्स को कोर्ट ने कहा कि विधिवत साक्ष्यों के साथ कोर्ट में याचिका दायर करें। त्रस्त एजेंट्स के अनुसार चिटफंडियों पर अगर प्रशासन पहले ही लगाम कस लेता तो आज जिले के 12 हजार लोगों के 30 करोड़ रुपए नहीं डूबते। उन्होंने प्रशासन पर चिटफंडियों को प्राश्रय देने का आरोप भी लगाया है।
ऐसे बढ़ा निवेश
जीएन डेयरीज में एजेंट रहे कालूसिंह सोलंकी ने बताया जिले की जनता की राशि लेकर फरार हुए कंपनी मालिकों के विरुद्ध एजेंट लगातार प्रकरण दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं। 2011 में हुई रिपोर्ट के बाद एसडीएम स्तर पर इसकी जांच भी हुई और चिटफंड कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई। इस जांच में खुद का बेदाग बताकर कंपनी अपना प्रचार जोरशोर से शुरू कर दिया इसके बाद निवेश के लिए लोगों में होड़ सी मच गई। 2014 तक कंपनी में करीब 30 करोड़ रुपए निवेश किए जा चुके थे।
राशि लौटाना बंद
सोलंकी और अन्य एजेंट्स के अनुसार 2014 आते आते कंपनी लोगों की राशि लौटाने में आनाकानी शुरू कर दी। जब लोग अपनी जमा राशि वापस मांगने आते तो कंपनी के अधिकारी उन्हें बहाने बनाकर बाद में आने को कहते। जैसे-जैसे लोगों के तकादे बढ़ते गए कंपनी के अधिकारियों ने दफ्तर आना बंद कर दिया। इसके बाद कुछ एजेंट और स्टाफ दफ्तर में आता रहे रहे लेकिन लोगों के आक्रोश के बाद एक साल पहले दफ्तर बंद कर दिया गया।
हर दरवाजा खटखटाया
कंपनी के मालिकों एवं अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज कराने के लिए एजेंटस लगातार प्रयास कर रहे हैं। दो बार केस भी दर्ज हुआ लेकिन इसमें क्या हुआ किसी को पता नहीं। कालूसिंह सोलंकी कहते हैं अगर पहले ही पुलिस और प्रशासन कंपनी पर दबाव बनाता तो आज यह नौबत नहीं आती और लोगों को मेहनत की कमाई से हाथ नहीं धोना पड़ता। एजेंट्स अब तक कलेक्टर, एसपी और पुलिस थानों के दर्जनों चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कंपनी का दफ्तर तक सील नहीं किया गया।
अब कोर्ट से आस
कंपनी में एजेंट रहे ज्ञानेश्वर पटेल, योगेंद्र पाटीदार, मनोहर वर्मा, चंदरसिंह पटेल और मीरा बाई सहित अन्य लोग गुरुवार को कोर्ट पहुंचे। यहां वकीलों की सलाह के बाद उन्होंने सीजेएम कोर्ट में याचिका दाखिल करना चाही, लेकिन कोर्ट ने याचिका को अस्वीकार करते हुए विधिवत याचिका दायर करने की सलाह देते हुए साक्ष्य भी प्रस्तुत करने को कहा है। एजेंटस ने बताया वे अब पीछे नहीं हटेंगे और लोगों के मेहनत की राशि वापस दिलाने के लिए साक्ष्य और दस्तावेज इक_ा कर रहे हैं।