चिटफंडकंपनी में राज्य के 411 निवेशकों के 2.5 करोड़ रुपए डूब जाने का मामला प्रकाश में आया है। वहीं डूबे पैसे मांगने के लिए कंपनी के दिल्ली स्थित हेड ऑफिस गए दर्जनों निवेशकों के साथ मारपीट भी की गई। इनमें ज्यादातर निवेशक पश्चिमी सिंहभूम जिले के हैं। निवेशकों ने उपायुक्त एसपी से चिटफंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने पैसे वापस दिलाने की गुहार भी लगाई है। निवेशकों ने बताया कि वर्ष 2009- 10 में पटना के बोरिंग रोड निवासी शंकर अकेला नामक व्यक्ति एक चिटफंड कंपनी का प्लान लेकर आया था।
इसका नाम रूद्रानी मल्टी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड था। इसके चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर मोहन शर्मा एमडी ललित झांबर हैं। प्लान के अनुसार निवेशकों ने 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक जमा किया। वहीं निवेशकों को निवेश की राशि का दस प्रतिशत लाभांश तीन माह तक देने का वादा किया गया था। इसी तरह से 30 माह में तीन गुना राशि देने का प्रलोभन भी दिया गया था। इसके लिए 30 निवेशकों को पोस्ट डेट चेक भी दिया था।
पैसे मांगने पर निवेशकों की पिटाई
नईकंपनी में निवेशकों ने आरडी के रूप में 5 लाख, एफडी के रूप में 8 लाख एमआईएस के रूप में 4.5 लाख रुपए जमा कराए। अवधि पूरा होने पर भी जब मैच्यूरिटी नहीं मिली तो वे दिल्ली के अंबाला ऑफिस का सैकड़ों बार चक्कर लगाया। इस दौरान निवेशकों को स्टेशन फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ी। इसी क्रम में पैसे मांगने गए निवेशकों की पिटाई भी कर दी गई।
नई कंपनी में भी जमा कराए पैसे
इसदौरान सीएमडी एमडी ने निवेशकों को इस तरह से राशि जमा करना वैद्य नहीं बताया। साथ ही कहा कि उनकी कंपनी सरकार के नियमों को पूरा नहीं करती है। ऐसे में इसके स्थान पर एक नई कंपनी बनाना होगा। इसमें ही मिलियन माइल्स इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स लिमिटेड का बनाने की घोषणा की गई। साथ ही पैसे निवेश करने के उपाय भी बताए।
ऑफिस दिखाकर जीता भरोसा
निवेशकोंको भरोसा दिलाने के लिए प्रेमोटर शंकर अकेला ने कंपनी के कारोबार दिखलाने के लिए हरियाणा स्थित प्रधान कार्यालय का भ्रमण भी कराया। प्रमोटर ने झूठी शान- शौकत दिखाकर गरीबों की मेहनत की कमाई का करोड़ों रुपए जमा करवाया। वहीं पीडीसी चेक के माध्यम से तीन महीने तक भुगतान भी किया गया, लेकिन इसके बाद चेक बाउंस होने लगा।