भुवनेश्वर : चिटफंड जाच कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस एमएमदास के विवादित बयान को लेकर शनिवार को भी विधानसभा में विरोधी दल के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया है। विरोधी दल के सदस्यों ने उन्हें बहिष्कार करने की माग करने के साथ इस संबंध में सरकार से स्पष्टीकरण के लिए विधानसभा अध्यक्ष से रुलिंग की माग करने, विधानसभा में हो हल्ला करने से सदन की कार्यवाही को बार बार मुलतवी घोषित करना पड़ा। विधानसभा अध्यक्ष ने पहले सदन की कार्यवाह को 11.30 बजे तक फिर 12.30 बजे तक तथा बाद में अपराह्न 3 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया।
शनिवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही विरोधी दल के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम के पास पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। परिणाम स्वरूप प्रश्नकाल मात्र दो मिनट ही चल सका। हो हगा होने से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 11 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया। इसके बाद पुन: सदन की कार्यवाही शुरू की गई, मगर विरोधी दल के सदस्य अपनी माग पर पर अटल रहे इससे सदन की कार्यवाही को 12.30 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया। इसके बाद 12.30 बजे भी समान स्थिति जारी रहने से अध्यक्ष ने कार्यवाही को अपराह्न 3 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया।
विरोधी दल नेता नरसिंह मिश्र ने कहा है कि चिटफंड कमीशन अध्यक्ष जस्टिस एमएमदास का वक्तव्य, व्यवहार एवं कार्य निंदनीय है। इस प्रसंग पर मुख्यमंत्री सदन में अपना विचार रखें। मगर मुख्यमंत्री का जनतंत्र में विश्वास नहीं है, इससे वह विरोधी दल की बात नहीं सुनते हैं। दूसरी तरफ बीजद नेताओं ने कहा है कि चिटफंड कमीशन गृह के सदस्य नहीं हैं, इससे सरकार उनके प्रसंग पर स्पष्टीकरण नहीं दे सकती है। बीजद के प्रवक्ता अमर शतपथी ने कहा है कि जस्टिस दास के स्पष्टीकरण देने के बाद उस बात को बंद कर देना चाहिए। विधानसभा में चर्चा के लिए और बहुत सारे प्रसंग हैं, मगर विरोधी दल इसी प्रसंग को पकड़कर बैठे हुए हैं और कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं।
शुक्रवार को भी इसी प्रसंग पर विरोधी दल के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी थी। गौरतलब है कि उत्कल गौरव मधुसूदन दास के जयंती अवसर पर बुधवार की रात को कटक में बीजद की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस दास ने कहा था कि लालच में आकर चिटफंड जमाकारी ठगी का शिकार हुए हैं। इसमें सरकार या फिर अन्य किसी की कोई भूमिका नहीं है।