रांची: झारखंड के हजारों लोगों से 2500 करोड़ रुपये से अधिक के चिटफंड घोटाले की जांच अब रफ्तार पकड़ेगी। इसके लिए केंद्रीय एजेंसी सीबीआइ रांची में अपना एक नया दफ्तर खोलने जा रही है। यह आर्थिक अपराध शाखा के तौर पर काम करेगी। इसकी मंजूरी सीबीआइ मुख्यालय ने दे दी है। शाखा में एक डीआइजी और दो एसपी रैंक के अफसरों के अलावा डीएसपी और इंस्पेक्टर सहित अन्य अफसरों की तैनाती की जाएगी। दफ्तर अगले एक माह में काम करने लगेगा। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि सुस्त पड़ी जांच तेज रफ्तार पकड़ेगी।
दफ्तर खोलने में एजेंसी राज्य सरकार से भी इंफ्रास्ट्रक्चर और वाहन आदि के मद में सहयोगी लेगी। पहले से ही रांची में सीबीआइ के एएचडी और एसीबी के अलावा धनबाद स्थित एसीबी कार्यालय में छह मामलों की जांच चल रही है। अभी और 95 मामलों में सीबीआइ को प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच करनी है। कार्रवाई के नाम पर अब तक रांची और धनबाद की एसीबी ब्रांच आरोपी कंपनियों और उनके अफसरों के ठिकानों पर छापामारी कर चुकी है। जबकि एएचडी ब्रांच की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
छह मामले कहां पर हैं दर्ज
- धनबाद स्थित सीबीआइ की एसीबी शाखा में झुमरीतिलैया और देवघर में दर्ज मामले के आधार पर प्राथमिकी
- राची स्थित इओयू शाखा में गोड्डा के महगावा और राजमहल थाने में दर्ज काड संख्या के आधार पर प्राथमिकी
- राची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में जादूगोड़ा और घाटशिला थाने में दर्ज मामले के आधार पर प्राथमिकी
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जांच के दायरे में हैं यह कंपनियां
अलकेमिस्ट इंफ्रा, सुराहा माइक्रो फाइनास, सनप्लाट एग्रो ग्रुप, प्रयाग इनफोटेक, साई प्रसाद प्रोपर्टीज, फेडरल एग्रो कमर्शियल, गुलशन निर्माण इंडिया, तिरु बालाजी, धनोल्टी डेवलपर्स, कोलकाता वीयर, संकप्ल ग्रुप, वीयर्ड इंफ्रा, रुफर्स मार्केटिंग, सनशाइन ग्लोबल एग्रो, रामल इंडस्ट्रीज, इनोमर्स इंडस्ट्रीज, एक्सेल इंफ्रास्ट्रक्चर, गीताजली उद्योग, एमपीए एग्रो एनीमल, युगातर रियल्टी, एटीएम ग्रुप केयर वीजन, मातृभूमि मैन्यूफैक्च¨रग, रोजवैली होटल्स, बर्धमान सुमार्ग, अपना परिवार एग्रो और वारिस ग्रुप। बता दें कि अलकेमिस्ट के खिलाफ कार्रवाई पर अभी रोक है।