कटक: राज्य में चिटफंड घोटाले की न्यायिक जाच करने वाले जस्टिस एमएम दास ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचार व प्रसार करें कि कौन- कौन सी संस्थाएं आरबीआइ के गाइडलाइन के तहत कारोबार कर रही हैं। व किन- किन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया गया है। कौन सी कंपनी लोगों को गलत तरीके से कारोबार कर चूना लगाया है। उसके बारे में प्रिंट एवं इलेक्टानिक मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार जागरुकता फैलाए। इसके अलावा गलत तरीके से कारोबार करने वाली कितनी कंपनिया हैं एवं कौन कंपनी लोगों को ठगी है और कौन सी कंपनी अभी भी गैरकानूनी तौर से कार्य कर रही है उस बारे में पूरा ब्यौरा देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी किया गया है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को इस बारे में जवाब दाखिल करना था लेकिन सरकार की ओर से इस बारे में जवाब दाखिल नहीं किया जा सका जिसके चलते इस मामले की सुनवाई 26 फरवरी तक टाल दी गई है।
चिटफंड घोटाले को लेकर वकील प्रभात रंजन दास ने अपने आवेदन में दर्शाया था कि राज्य में अब भी चिटफंड कारोबार चल रहा है। कई चिटफंड संस्थाओं के मालिक अब भी जेल में हैं व कई अधिकारी व कर्मचारी गिरफ्तारी की डर से फरार हैं। कई चिटफंड संस्थानों में ताला लग गया है। जबकि 41 चिटफंड संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है लेकिन अब भी कई ऐसे चिटफंड संस्थानें में कार्य चल रहा है। जिसमें से ज्यादतर कार्य बिना सरकारी स्वीकृति के ही चल रहा है। इसे रोकने लिए मनी सर्कुलेशन 2002 प्रतिबंधक एक्ट कानून के तहत पाबंदी लगाई गई है। लेकिन इसे नजरअंदाज कर कई संस्थान अब भी कारोबार कर रहे हैं जो कि गैरकानूनी है। इस बारे में आमजनता बेखबर है। कई लोग अब भी बहकावे में आकर कारोबार कर रहे हैं।
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