भोपाल: सार्इं प्रकाश आॅर्गेनिक फूड्स लिमिटेड और सार्इं प्रकाश प्रॉपर्टी डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी का सरगना कोई राजनेता भी हो सकता है। क्योंकि गिरफ्तार संचालक पुष्पेंद्र सिंह बघेल से हुई पूछताछ में यह बिंदु सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर पुलिस अब उलझन में पड़ती हुई नजर आ रही है। उसके तार कई केंद्रीय नेताओं से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
पुलिस ने पुष्पेंद्र सिंह बघेल को कल देर शाम कोर्ट में पेश कर 25 जून तक के रिमांड पर लिया है। पूछताछ के दौरान पुलिस उससे खास बात नहीं उगलवा पाई है। लेकिन जो कुछ पड़ताल हुई, उससे पुलिस का अनुमान है कि चिटफंड कंपनी का सरगना कोई बड़ा राजनेता है, जिसके इशारे पर पुष्पेंद्र सिंह काम कर रहा था। गौरतलब है कि गुरु वार को इंदौर से गिरफ्तार किए गए पुष्पेंद्र पर केवल मप्र में ही तीन हजार लोगों से सौ करोड़ रु पए लोगों से डिपॉजिट कराने का आरोप है।
खुलासा: सार्इं प्रकाश कंपनी में नाम का डायरेक्टर है पुष्पेंद्र सिंह
वकील ने पुलिस को भेजे थे दस्तावेज
चिटफंड कंपनी के संचालक पुष्पेंद्र बघेल से जुडेÞ कुछ दस्तावेज एक वकील ने पुलिस को मुहैया कराए थे। यह दस्तावेज पुष्पेंद्र की कंपनी से जुडेÞ थे। इनके आधार पर ही पुलिस इतना बड़ा खुलासा करने में कामयाब हो पाई है। इस वकील का नाम पुलिस गोपनीय रखे हुए है। वकील सुप्रीम कोर्ट का बताया जा रहा है।
लोन के नाम पर 20 महिलाओं को ठगा
भोपाल। हनुमानगंज इलाके में लोन दिलाने के नाम पर महिलाओं के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है। जालसाज ने 20 महिलाओं को निष्क्रिय बैंक खाते के चेक थमा दिए थे। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। हनुमानगंज टीआई भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि सरिता पति चेतन गौतम, 120 मेन रोड इब्राहिमगंज की रहने वाली हैं। रायसेन जिले के उमरावगंज निवासी एसके मीना ने लोन का झांसा देकर गौतम सहित मोहल्ले की 20 महिलाओं का एक समूह बनवा दिया और उन्हें एक से तीन लाख रुपए तक का लोन दिलाने का भरोसा दिलाया। लोन के चेक देने के लिए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उसने प्रति हितग्राही 2500 रुपए में सौदा तय किया। मीणा ने 16 जून को बीस महिलाओं को उनके जरूरत की रकम के चेक बांट दिए। सभी चेक आईडीबीआई बैंक टीटी नगर के उसके एक परिचित प्रदीप यादव के निष्क्रिय बैंक खाते के थे। यह चेक फर्जी निकले। पुलिस ने मीणा और प्रदीप यादव को हिरासत में लिया है।
ऐसे की धोखाधड़ी
प्रदीप यादव नाम का व्यक्ति अशोका गार्डन में रहता है। उसका आडीबीआई बैंक के टीटी नगर शाखा में उसका खाता है। खाता दो वर्ष से निष्कृय है, उसमें सिर्फ 70 रुपए है। प्रदीप ने एसके मीणा को निष्कृय खाते के बीस ब्लैंक चेक पांच हजार में दिए थे। एसके मीणा ने प्रति चेक महिलाओं से ढाई हजार रुपए वसूले हैं। टीआई ने बताया कि कुछ महिलाएं जब यह चेक लेकर एक बैंक की शाखा में पहुंची तो ठगी का पता चला। हनुमानगंज पुलिस ने एसके मीणा और प्रदीप यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया है। शाम तक दोनों की गिरफ्तारी हो जाएगी।
फर्जी दस्तावेज से लिया मुआवजा, केस दर्ज
भोपाल के मालीखेड़ी गांव में रहने वाले एक परिवार ने घर की मुखिया महिला की मौत के बाद फर्जी दस्तावेज से एक भाई का मुआवजा हड़प लिया। मामला वर्ष 1993 में और उसके बाद हुआ। न्यायाधीश गैस दावा अदालत के आदेश पर शाहजहांनाबाद थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार ग्राम मालीखेड़ी में केसरबाई नाम की महिला रहती थी। महिला के तीन बेटे थे भागचंद्र, मिस्त्रीलाल और मदनलाल। महिला की मौत 1993 में हो गई थी। इसके बाद मिस्त्रीलाल और मदनलाल की भी मौत हो गई। केसर बाई गैस पीड़ित थी, उसे मुआवजा मिलना था। मिस्त्रीलाल की विधवा भागवती बाई और केसर बाई का बेटा भागचंद्र ने वारिस होने का जो शपथ-पत्र न्यायाधीश गैस दावा अदालत में प्रस्तुत किया था, उसमें मदनलाल के परिवार का नाम नहीं लिखा था। दोनों ने मुआवजे का पैसा निकाल लिया। बर्षों बाद मदनलाल के परिजनों जब जानकारी मिली तो उन्होंने वाद प्रस्तुत किया था। पुलिस ने भागचंद्र और भागवती के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।