छिंदवाड़ा. जिले की जनता को दोगुना रुपया देने का लालच देने वाली चिटफंड कम्पनी के प्रबंध निदेशक बाला साहब बापकर और उसके बेटे शशांक बापकर को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ कर जेल भेज दिया। लोगों से धोखाधड़ी करने वाले और भी कई आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। जिन चार लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी उनमें से दो आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं। लाावाघोघरी थाना क्षेत्र के ग्राम चिमनखापा निवासी रामप्यारी बाई (40) पति मानसिंह केवट की शिकायत पर पुलिस ने चार लोगों पर मामला पंजीबद्ध किया गया था। साईंप्रसाद प्रापर्टी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालासाहब बापकर, अभिनव रघुवंशी शाखा प्रबंधक साईं प्रसाद लिमिटेड, अभिकर्ता साईंप्रसाद प्रापर्टी लिमिटेड राजा डेहरिया सहित एक अन्य आरोपी पर भादंवि की धारा 406 और 420 में मामला कायम किया गया।
पुलिस दो आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है, लेकिन दो आरोपी अभिनव रघुवंशी और राजा डेहरिया अब भी फरार हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के अब तक कोई प्रयास नहीं किए हैं। दो फरार आरोपियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाती है तो शायद और भी कुछ तथ्य मिल जाएंगे। कम्पनी के निर्माण से लेकर रुपए जुटाने और उन्हें निवेश करने तक दस्तावेजों में भी जमकर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा किया है। हालांकि इस बात का खुलासा दो वर्ष पहले ही हो चुका था, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बिना
अनुमति जमा की राशि
साईंप्रसाद प्रॉपर्टी लिमिटेड कम्पनी के पास लोगों से रुपए जमा कराने की अनुमति नहीं थी। सेबी से बिना अनुमति ग्राहकों से रुपए लिए गए। किसी प्रकार का प्रमाण न होने के बाद भी वर्षों तक कम्पनी इस काम में लगी रही। आम लोगों से जुटाए गए रुपयों को इंवेस्ट करना दिखाने के लिए चिटफंड कम्पनी के प्रबंध निदेशक बालासाहब बापकर ने सात इंवेस्टमेंट कम्पनी बनाई जिसके डायरेक्टर स्वयं के परिजन को ही बनाया। आम लोगों से जुटाई राशि को सभी कम्पनियों में निवेश करना बताया जा रहा था। साईंप्रसाद को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं थी।