नुआपाड़ा (निप्र)। चिटफंड कंपनी रोजवेली की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। एजेंट व ठगी का शिकार हुए लोगों से सीबीआई ने पूछताछ की।
रकम दोगुना करने का प्रलोभन देकर ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में करीब दो वर्ष पूर्व चिटफंड कंपनी रोजवेली ने नुआपाड़ा में कार्यालय खोलकर क्षेत्र के लोगों से संस्था में राशि जमा करवाया। उपरांत कंपनी के संचालक कार्यालय को बंद कर फरार हो गया। ग्रामीणों द्वारा रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामला सीबीआई के हवाले कर दिया था। जांच करने कोलकाता से एक टीम शुक्रवार की देर रात्रि नुआपाड़ा पहुंची। मामले की जांच में जुट गई है।
सीबीआई इंस्पेक्टर पी घोष के नेतृत्व में पहुंची सीबीआई की यह टीम दूसरे दिन शनिवार को नुआपाड़ा थाना में फर्जी संस्था से जुड़े एजेंट व कंपनी में रुपए जमा करने वाले ग्रामीणों से पूछताछ की। बताया गया है कि रोजवेली कंपनी में नुआपाड़ा जिला में 400 से अधिक लोगों ने 14 एजेंट के माध्यम से लगभग 20 लाख रुपए जमा किए हैं। उल्लेखनीय होगा कि वर्ष 2013-14 में कंपनी ने कार्यालय खोलकर कारोबार शुरू किया। पूरे जिले में एजेंट नियुक्त कर लोगों से रुपए जमा करवाए थे। उपरांत उक्त कंपनी फर्जी होने की आशंका होने पर लोगों ने संस्था में पैसा जमा करना बंद कर दिया और कंपनी से रुपए वापस मांगने लगे। कंपनी के विरुद्ध नुआपाड़ा थाने में शिकायत होने के बाद पुलिस ने वर्ष 2014 में कंपनी के कार्यालय में दबिश देकर कागजात जब्त कर मामले की विस्तृत जांच के लिए सीबीआई के सुपुर्द किया गया।
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