रायपुर: छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों का धोखाधड़ी का खेल जारी है। एक और कंपनी लोगों के करोड़ों रुपए लेकर चंपत हो गई है। गोलबाजार पुलिस ने पीडि़तों की शिकायत के चार साल बाद कंपनी के डॉयरेक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
क्या है मामला
पुलिस के मुताबिक ग्रीनलैंड फॉरेस्टिंग इंडिया लिमिटेड एवं ग्रीनलैंड प्रोजेक्ट एंड डवलपमेंट लिमिटेड ने मासिक निवेश और फिक्स डिपॉजिट में आकर्षक रिटर्न का आश्वासन दिया था। इस स्कीम के तहत ग्रामीण इलाकों में अनेक लोगों से राशि जमा करवाई गई, लेकिन पॉलिसी परिपक्व होने के बाद हितग्राहियों को भुगतान नहीं किया। बिना भुगतान के ही बीच में कंपनी ने अपना कारोबार समेट लिया और रायपुर छोड़ दिया। इसके खिलाफ गुंडरदेही के अलख राम साहू और अन्य ने पुलिस के पास शिकायत की। गोलबाजार पुलिस ने कंपनी के डॉयरेक्टर आलोक कुमार भद्रा, संतोष सिकंदर, स्वर्ण सिंह और अन्य के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
चार साल से था लंबित
पीडि़त अलख राम, टहल सिंह साहू, कामता प्रसाद साहू, जगन्नाथ साहू, गीता साहू और सावित्री साहू ने जमा राशि और रिटर्न नहीं मिलने पर वर्ष 2011 में पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने चार साल बाद मामला दर्ज किया। इससे आरोपियों को आसानी से भागने का मौका मिल गया। अब उनकी गिरफ्तारी को लेकर संदेह है।
8 करोड़ हजम कर गए
वर्ष 2001 में कंपनी ने जैनब मैसन बांसटाल रायपुर में ऑफिस शुरू किया था। इसके बाद एजेंट नियुक्त कर ग्रामीण इलाकों के किसानों से पैसा निवेश कराया। बताया जाता है कि कंपनी में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से लोगों ने 8 करोड़ रुपए निवेश कर रखा है। कंपनी ने वर्ष 2009 में अपना कारोबार अचानक बंद कर दिया। इसके बाद कंपनी ने अमृतसर में अपना काम शुरू कर दिया। पॉलिसी परिपक्व होने पर हितग्राही पैसा लेने पहुंचे, तब कंपनी के फरार होने का खुलासा हुआ। हितग्राहियों और कंपनी के जमा राशि को लौटाने के लिए बीच चर्चा हुई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अंत में पीडि़तों ने गोलबाजार थाने में शिकायत की।