जमुआ (गिरिडीह) : पोबी गांव के दो दर्जन से अधिक महिला-पुरुषों ने थाना में आवेदन देकर पांच साल में रुपया दोगुना करने का भरोसा दे रेमल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के एजेंट के रूप में कार्य करने वाले पोबी के चंद्रशेखर कुमार रविदास पर लाखों रुपया हड़पने का आरोप लगाया है। ठगी की शिकार हुई कलिया देवी, पति धरम दास ने कहा कि वर्ष 2012-13 में चंद्रशेखर ने गांव में एक बैठक की और उस कंपनी के बारे में बताया। कहा कि इस कंपनी के बैंक में पांच साल में रुपया दोगुना हो जाता है और सभी तरह की सुविधा मिलती है।
बताया कि 27 ग्रामीण उसके झांसे में आकर रुपया जमा करने का मन बनाया। इस क्रम में चंद्रशेखर और उसके पिता हरखू रविदास ने सभी को विश्वास दिलाया कि अगर कंपनी रुपया लेकर भागेगी तो वे जमीन बेचकर वापस करेंगे।
दोनों बाप-बेटा के आश्वासन पर कलिया ने 6 सौ, विमला देवी ने 32 सौ, मंटू दास ने 30 हजार, संतोष कुमार दास ने 30 हजार, दिलीप दास ने 30 हजार, मीना देवी ने 3 हजार, यमुना देवी ने 3 हजार, राजेश दास ने 25 सौ, बसंती देवी ने 7 हजार, दर्शनी देवी ने 7 हजार, मथुरा दास ने 15 हजार, केवली देवी ने 16 हजार, नरेश दास ने 6 हजार, गेना दास ने 24 सौ, हरिहर दास ने 21 सौ, मीना देवी ने 24 सौ, बढ़नी देवी ने 24 सौ, बसंती देवी ने 8 हजार, मुनिया देवी ने 6 हजार, कलावती देवी ने 39 सौ, प्रमिला देवी ने 7 हजार, ¨रकी देवी ने 6 हजार, सकुना देवी ने 6 हजार, दशरथ दास ने एक हजार, किशोरी यादव ने 5 हजार, राजू दास ने 55 सौ एवं उर्मिला देवी ने 5 हजार रुपये जमा किए।
एजेंट चंद्रशेखर सबके घर से राशि लेता था और पासबुक में चढ़ाकर रसीद भी देता था। उनलोगों ने करीब तीन लाख रुपया जमा किया। कुछ माह से एजेंट उनलोगों से राशि मांगने नहीं आया तो उस पर शक हुआ। पूछताछ करने पर उसने बताया कि अब वह उनलोगों से रुपया नहीं लेगा और जिसका जितना जमा है उसे कंपनी से वापस करा दिया जाएगा। उसने सभी से पासबुक वापस मांगा।
आवेदन में कहा गया है कि एक वर्ष से अधिक समय हो जाने के बाद भी उनलोगों को रुपया वापस नहीं मिला। गांव में इस बाबत पंचायत भी हुई जिसमें उसने रुपया देने से इन्कार कर गया और अधिक तंग करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। आरोपी एजेंट चंद्रशेखर का कहना है कि उसने सभी का रुपया लेकर कंपनी के मैनेजर के पास जमा कर रसीद लाकर दी। पासबुक लेने की बात झूठी है। थाना प्रभारी केदारनाथ प्रसाद ने कहा कि ठगी की शिकायत की गई है। जांच-पड़ताल जारी है।