रांची: आरबीआइ राज्य में चिटफंड कंपनियों की ठगी के कारोबार को बंद करने के लिए थानेदारों को प्रशिक्षित करने की तैयारी में है। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्राइम मीटिंग में भी इन विषयों पर चर्चा होगी। रजिस्ट्रार ऑफ चिट का भी गठन कर दिया गया है। एडिशनल फाइनेंस कमिश्नर शैलेंद्र सिंह को रजिस्ट्रार बनाया गया है। चिटफंड के मामलों के लिए अलग से कोर्ट बनाने का आग्रह किया गया है। जैसे ही हाईकोर्ट से सहमति मिल जाती है, चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ठोस कानूनी कदम उठाया जाएगा। कोर्ट शुरू होते ही 180 मामलों पर चार्टशीट दाखिल की जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) पटना के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने कहा कि चिटफंड कंपनियों की ओर से ठगी के मामलों में कमी आई है। ऐसी कंपनियों पर पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। बरती गई सख्ती से पुलिस कार्रवाई में कमी आई है। वर्मा गुरुवार को होटल अशोक में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आरबीआइ की ओर से गाव में चिटफंड कंपनियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ब्लॉक, पंचायत, थाना और स्कूल के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है। सरकार से आग्रह किया गया है कि थानेदारों को जिम्मेदारी दी जाए कि उनके क्षेत्र में फर्जी चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई करें। गलत काम करने वालों की सूचना दें और उसकी जाच पड़ताल करें।
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अच्छी कंपनी को करेंगे प्रोत्साहित :
एमके वर्मा ने कहा कि जो कंपनी आरबीआइ से रजिस्टर्ड हैं और निर्देशानुसार काम करती हैं, उन्हें आरबीआइ प्रोत्साहित करेगी। फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उसपर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जायेगी। आम आदमी भी फर्जी कंपनी के बारे में सूचना दे सकतें हैं। लालच के कारण लोग लूटे जाते हैं। उनके साथ फर्जीवाड़ा कर कंपनिया फरार हो जाती हैं।
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गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की बैठक
रांची : राज्य के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का राज्यस्तरीय समन्वय समिति की 20वीं बैठक गुरुवार को होटल अशोक में हुई। अध्यक्षता आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने की। बैठक में वित्त सचिव अमित खरे भी शामिल हुए।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा जमाकर्ताओं के हित संरक्षण अधिनियम को लागू करने का निर्णय लिया गया। सरकार बाजार आसूचना तंत्र को आर्थिक अपराध पर सूचना एकत्र करने के लिए संवेदनशील बनाएगी, जिससे जनता के हितों का संरक्षण किया जा सके। गैर-कानूनी तरीके से चल रहे गैर-बैंकिंग कंपनियों तथा अनिगमित निकायों के विरुद्व कार्रवाई की जाएगी।
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