चिटफंड और नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाली फर्जी एजेंसियों का पता लगाने के लिए पुलिस बड़ा अभियान चलाने की तैयारी में है। ऐसी संस्थाओं और एजेंसियों का पता लगाने के बाद छापा मारकर जांच की जाएगी। फर्जीवाड़ा करने वाली एजेंसियों के संचालकों पर सीधे केस दर्ज किया जाएगा।
शहर में लगातार ठगी के मामले सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक बीएन मीणा ने इस बारे में निर्देश दे दिए हैं। पुलिस अधीक्षक की ओर से फरमान जारी होने के बाद थाना प्रभारियों ने अपने अपने थाना क्षेत्र में चिटफंड कंपनियों के संचालन का पता लगाना शुरू कर दिया है। यह देखा जा रहा है कि कहां कौन सी एजेंसी किस तरह से काम कर रही है। मंगलवार के बाद बुधवार को भी पुलिस ने कुछ दफ्तरों में दबिश देकर दस्तावेजों की जांच की। इसी दौरान पुलिस को भाठागांव में पैसा लेकर नौकरी लगाने की शिकायत मिली। टिकरापारा पुलिस ने उसकी जांच के लिए सामुदायिक भवन में दबिश दी। वहां दो दर्जन से अधिक लोगों को प्रोजेक्टर पर व्यापार के बारे में जानकारी जा रही थी। कंपनी सौंदर्य प्रसाधन का सामान बेचती है। अफसरों ने बताया कि जांच में दस्तावेजों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली। इससे पहले पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को देवेन्द्र नगर सेक्टर-3 के एडीवी क्रेडिट को-ऑपरेटिव में दबिश दी। वहां से कई दस्तावेज और दवा जब्त किया गया था। गंज पुलिस ने एडीवी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संबंध में सेबी और आरबीआई को पत्र लिखा है। कंपनी के संबंध में जानकारी मांगी गई है।
इसके अलावा कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। इसमें 35 बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है। पुलिस अफसरों ने बताया कि कंपनी का छत्तीसगढ़ के आठ बड़े शहरों में दफ्तर है। पुलिस ने दफ्तर से कीटनाशक दवाई, कृषि प्रोडक्ट सहित सेक्स की दवाई बरामद किया है। कंपनी के कर्मचारी दवाई के संबंध में जानकारी नहीं दे पा रहे है। पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर से दवाई के संबंध में जानकारी मांगी है। सभी दवाईयों को जब्त कर लिया गया है।
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