रायपुर. राज्य सरकार ने आम लोगों के आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए चिटफंड कंपनियों की गैर कानूनी गतिविधियों पर लगाम कसने की कवायद तेज कर दी है। वित्त विभाग की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी फर्जी कंपनियों की धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि कंपनियों के संचालन की सूचना मिलने पर उनके रिकार्ड, पंजीयन से संबंधित दस्तावेज और कंपनी संचालकों की जानकारी का रिकार्ड दर्ज किया जाए। एसपी अपने जिले में चलने वाली सभी चिटफंड कंपनियों के ऐसे प्रकरणों पर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1034 के प्रावधानों के तहत अदालतों से तलाशी वारंट भी ले सकते हैं।
सभी जिले के कलेक्टरों से कहा गया है कि चिटफंड कंपनियों के खिलाफ शिकायत की जांच के लिए समिति में जिले के राजस्व, वित्त और अल्प बचत शाखा के साथ ही पुलिस विभाग के अफसरों को शामिल किया जाए। कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिलने पर संभागीय मुख्यालय बिलासपुर के नेहरु चौक स्थित रजिस्ट्रार आफ कंपनीज सह आफिशियल लिक्विडेटर को सूचना दी जा सकती है।
साथ ही रायपुर के पंडरी के एलआईसी कांप्लेक्स में स्थित सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया यानी सेबी के स्थानीय दफ्तर के सहायक प्रबंधक को उनके टेलीफोन नंबर 0771-2583991 पर सूचना दी जा सकती है। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के भोपाल स्थित कार्यालय के टेलीफोन नंबर 0755-2675600 और 2578298 पर तथा उनके फैक्स नम्बर 0755-2760545 पर भी सूचित किया जा सकता है।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव करेंगे मानिटरिंग
सरकार ने फर्जी चिटफंड कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य स्तर पर गृह विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समन्वय उप समिति का गठन किया है। प्रदेश सरकार के विधि विभाग के प्रमुख सचिव व सचिव इस समन्वय उप समिति के सदस्य सचिव बनाए गए हैं। उप समिति में संचालक लोक अभियोजन, आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, वित्त विभाग के संचालक और भाेपाल के रिजर्व बैंक क्षेत्रीय महाप्रबंधक को सदस्य बनाया गया है।