Ranchi: चिटफंड कंपनियों के फर्जीवाड़े पर राज्य में चौतरफा वार की तैयारी है। धोखे में रखकर आम जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाली इन कंपनियों के क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए राज्य में 'रजिस्ट्रार ऑफ चिट आफिस' का गठन होगा। साथ ही इन कंपनियों से जुड़े मामले की त्वरित कार्रवाई के लिए 'फास्ट ट्रैक कोर्ट' की स्थापना होगी। गृह विभाग अपने 'इकनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट' को सक्रिय बनाएगा तथा संबंधित विभागों से जानकारी साझा कर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा। विकास आयुक्त राधेश्याम पोद्दार (Radhe Shyam Poddar) की अध्यक्षता में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से संबंधित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की बैठक में इसपर आम सहमति बनी।
नेपाल हाउस में आयोजित इस बैठक में एनबीएफसी एवं चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी एवं अवैध कार्यो पर लगाम लगाने के लिए गृह विभाग, आरबीआई, सेबी, आईआरडीए आदि विभागों के साथ समन्वय बनाकर काम करने पर जोर दिया गया। तय हुआ कि संबंधित विभाग निकट भविष्य में राज्य स्तर पर एक कार्यशाला का आयोजन करेगा। कार्यशाला में संबंधित पदाधिकारियों को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा चिटफंड कंपनियों के निबंधन, संचालन एवं उससे जुड़ी अन्य प्रक्रियाओं की जानकारी दी जायेगी।
चिटफंड कंपनियों की गड़बड़ियों की जानकारी देने के लिए विकास आयुक्त ने जिला स्तर पर भी कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया। साथ ही जिला स्तर पर होने वाली 'क्राइम मीटिंग' में थाना प्रभारी तथा सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारियों को इस मामले में विशेष जानकारी देने की सलाह दी। विकास आयुक्त ने स्पष्ट किया कि ऐसी कंपनियां सामान्य तौर पर ग्रामीणों को अपना निशाना बनाती है, ऐसे में निचले स्तर के पदाधिकारियों के साथ-साथ आम जनता को भी इस मामले में जागरूक किया जाना चाहिए।