महासमुंद। चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं ने अब कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ अभिकर्ता सेवा संघ के जिला इकाई महासमुंद के अध्यक्ष नंदकुमार निषाद, पंकज सोनी और उनके साथियों ने विश्रामगृह में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि पुलिस चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। जबकि आम आदमी का करोड़ों रुपए डकारकर नदारद हो जाने वाली कंपनियों के डायरेक्टर और मुखिया के विरूद्घ कार्रवाई कर नागरिकों को उनके जमापूंजी लौटाने की दिशा में प्रयास नहीं कर रही है। संघ के पदाधिकारियों ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस इसके लिए जिम्मेदार कंपनियों पर कार्रवाई नहीं कर अभिकर्ताओं के विरूद्घ जुर्म दर्ज कर रही है। निवेशकों की परिपक्वता राशि का भुगतान कराने एजेंट निरंतर संघर्षरत हैं। बावजूद अभिकर्ताओं के विरूद्घ धोखाधड़ी का जुर्म पंजीबद्घ किया जाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा एजेंटों के द्वारा निवेशकों की धनराशि पंजीकृत कंपनियों में जमा कराकर रसीद व बांड निवेशकों को दिया गया है, तब वे यह समझ नहीं पा रहे हैं कि धोखाधड़ी उन्होंने कहां पर की है। आम आदमी का करोड़ों रुपए निवेश कराकर भागने वाली कंपनी और उसके संचालक ही धोखाधड़ी किए हैं। ऐसे कंपनियों के विरूद्घ अभिकर्ता सेवा संघ द्वारा मोर्चा खोलकर निवेशकों के रुपए उन्हें वापस कराने प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में अभिकर्ताओं और निवेशकों द्वारा 14 दिसंबर को तहसील कार्यालय महासमुंद के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया। अभिकर्ता सेवा संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों के विरूद्घ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए । उनके चल-अचल संपत्ति को राजसात कर निवेशकों का रुपए लौटाया जाना चाहिए।
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