बोकारो : चिटफंड कंपनियां मेसर्स रमेल रियल इस्टेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और साई प्रसाद कॉरपोरेशन लिमिटेड एंड स्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड बोकारो के निवेशकों का पैसा नहीं लौटा रही हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फरवरी में ही निवेशकों का पैसा डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लौटाने का आदेश दे दिया था। यह आदेश 8 फरवरी 2016 को जारी किया गया है। साई प्रसाद कारपोरेशन लिमिटेड के लिए भी एक फरवरी को निवेशकों का रुपया वापस करने का आदेश जारी किया गया। इसके बावजूद न प्रशासन और न ही कंपनी ने इस पर पहल की है। ये कंपनियां निवेशकों की डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की राशि लेकर गायब हो चुकी हैं।
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सेबी का आदेश
मेसर्स रमेल रियल इस्टेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के संबंध में 8 फरवरी को सेबी ने आदेश जारी किया। कहा कि कंपनी निदेशक व प्रमोटर को निवेशकों का पैसा 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से लौटाना पड़ेगा। इसके लिए वे बाजार से किसी भी प्रकार से धनराशि एकत्रित नहीं करेंगे। कंपनी ने अपना कार्यालय जैनामोड़ में खोला था। इसमें पांच हजार से अधिक आदिवासी व अन्य लोगों ने पैसा जमा कराया। इस कंपनी ने केवल बोकारो से पचास करोड़ से अधिक की राशि वसूली की है। 2015 से कार्यालय बंद है और एजेंट भागे-भागे फिर रहे हैं।
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साई प्रसाद को तीन माह का समय
सेबी ने एक फरवरी को साई प्रसाद कॉरपोरेशन लिमिटेड एंड स्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड के विरोध में आदेश जारी किया तो स्थानीय प्रबंधक कार्यालय बंद कर फरार हो गए। चर्चा है कि इस कंपनी ने बोकारो से लगभग सौ करोड़ से अधिक का निवेश कराया। कार्यालय सेक्टर चार सिटी सेंटर में था। सेबी के आदेश में तीन माह में डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से पैसा वापस करना था। दो माह पूरे हो गए लेकिन अभी कर कोई सुगबुगाहट नहीं है। कंपनी की चल-अचल संपत्ति का बयोरा तैयार करने का भी आदेश किया गया है।
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क्या करें निवेशक
यदि इन दोनों कंपनियां राशि नहीं लौटा रही है तो निवेशकों को अपने कागजात के साथ सेबी के अलावा राज्य स्तरीय वित्त विभाग व जिला स्तर पर गठित सेल में शिकायत करनी चाहिए। सेबी भविष्य में उन निवेशक की राशि वापसी में मदद करेगी।
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सेबी के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। निवेशक अपनी शिकायत कर सकते हैं। - संदीप कुमार, प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा।