चिटफंड कंपनियों द्वारा दिखाए गए सुनहरे भविष्य के सपनों में आकर जिले के बेरोजगार युवक अपनी जमा पूंजी से भी हाथ धो बैठे हैं। पूंजी निवेश का कारोबार करने वाली करीब आधा दर्जन चिटफंड कंपनियों ने मंडला सहित आसपास के जिलों के 10 हजार से ज्यादा निवेशकों को लगभग 11 करोड़ का चूना लगाकर फरार हो गईं हैं। इनमें साईं प्रकाश एवं एसपीएनजे कंपनी प्रमुख हैं। यह आरोप निवेशकों ने गुरुवार को कलेक्टर और एसपी को सौंपी गई शिकायत में लगाए हैं। उन्होंने कंपनी की संपत्तियां कुर्क करके उनकी रकम दिलाने की मांग भी की है।
न्यायालय में लगाया परिवाद
आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक विवेक सिंह ने भी इस मामले में एक माह पूर्व जिला न्यायालय में परिवाद लगाया था। जिसमें सभी निवेशकों को राहत दिलाने के लिए कपंनी के डायरेक्टरों द्वारा खरीदी गई संपत्ति को कुर्क कर इससे प्राप्त राशि निवेशकों को दिलाने की मांग न्यायालय के समक्ष रखी है।
ताला लगा देखकर पहुंचे एसपी के पास
इससे पहले साईं प्रकाश प्रापर्टीइज डेवलपमेंट लिमिटेड एण्ड ग्रुप ऑफ कंपनी के डायरेक्टरों द्वारा कंपनी का दफ्तर बंद किया जा चुका है। हालांकि यह कंपनी कुछ माह पूर्व ही अपने कारोबार और लेन-देन पर रोक लगा चुकी थी। अब ताला लगा देखकर निवेशकों ने एसपी को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें डूबती रकम को दिलाने की गुहार लगाई गई है।
अभी भी काम कर रहीं हैं कई कंपनियां
जानकारी के मुताबिक कुछ कंपनियों के भाग जाने के बावजूद शहर में अब भी लगभग 18-20 चिटफंड कंपनियां काम कर रही हैं और ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरों के निवेशकों को अधिक राशि दिलाने का सपना दिखा रही हैं।
पुलिस की शह पर फैला मकड़ जाल
लगभग चार साल पहले पुलिस में इन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ निवेशकों को समय में राशि नहीं लौटाने की शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने उनके कर्मचारियों और एजेंटों को बुलाकर कागजात जब्त कर मामला रफादफा कर दिया था। जिसके बाद पुलिस के संरक्षण में ये कंपनियों खूब फली-फूलीं। पुलिस ने इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की है।
एजेंट झाड़ लेते हैं पल्ला
साईं प्रकाश कंपनी के अलावा एसपीएनजे लैण्ड प्रोजेक्ट डेवलेपमेंट कंपनी भी बंद हो चुकी है। इसके अलावा गरिमा, सन साइन, सद्गुरू साईं कंपनियों ने भी अपने कार्यालयों में ताला लगा दिया है। इनके डायरेक्टर कौन हैं और कहां हैं यह जानकारी तक निवेशकों को नहीं लग पा रही है। निवेशक जब स्थानीय एजेंटों से बात करते हैं तो एजेंट खुद को कर्मचारी बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
पड़ोसी जिले के लोगों ने भी किया निवेश
जिला मुख्यालय में साईं प्रकाश, एसपीएनजे जैसी चिटफंड कंपनियों के भव्य कार्यालय थे। जिन्होंने मंडला जिले की भोली-भाली जनता के साथ ही पड़ोसी जिले डिण्डौरी, बालाघाट के लोगों को भी झांसे में लेकर निवेश कराया था। बालाघाट केराजेश चौधरी का कहना है कि पिता की कमाई के एक लाख रूपये साईं प्रकाश कंपनी में लगाया था। इस राशि को लगाए 5 साल हो गए ।अगले वर्ष मुझे दो लाख रूपया मिलना था लेकिन एन मौके पर कंपनी के कार्यालय में ताला लग गया है। इसी तरह बसंत पटले ने अलग-अलग स्कीमों में निवेश किया था। जिसमें फिक्स डिपॉजिट में 48000, 24000 एवं 12800 की पॉलिसी ली थी। इसी तरह एक प्लॉन में रकम को 3 गुना करने की बात कहने पर इसमें लगभग 20400 रूपये निवेश किए थे। अब यह रकम दिलाने एसपी से गुहार लगाई है।
जेल में हैं डायरेक्टर
ज्ञापन सौंपने वालों ने नईदुनिया को बताया कि साईं प्रकाश कंपनी के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह जेल में है, लेकिन जेल में भेज देने मात्र से निवेशकों की राशि नहीं मिलेगी। जब निवेशकों की समयावधि पूर्ण होने को आई तो एजेंटों ने उन्हें घुमाना प्रारंभ कर दिया। उनका कहना था कि कंपनी के डायरेक्टर ने जमीनें खरीदी हैं। आप लोगों का पैसा सुरक्षित है। ज्ञापन सौंपने गए निवेशकों का कहना था कि उन जमीनों की नीलामी कर हमारा पैसा दिलाया जाए। ज्ञापन सौंपने वाले अरविन्द बांबोर्डे ने बताया कि साईं प्रकाश कंपनी के डायरेक्टर पुष्पेन्द्र बघेल भोपाल जेल में बंद हैं। जबकि एसपीएनजे के डायरेक्टर राज कुमार बैनर्जी छग के बालोद जेल में बंद हैं।
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