रायपुर - प्रदेश में चिटफंड कम्पनियों की धोखाधड़ी को लेकर आज विधानसभा में फिर एक बार विपक्षी दल कांगे्रस और सत्तापक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कांगे्रस के भूपेश बघेल और मंत्री अजय चन्द्राकर के बीच इस मुद्दे पर काफी देर तक बहस हुई। श्री बघेल ने पिछले दिनों राजेश मूणत की चुनौती का उल्लेख करते हुए विधानसभा की समिति से मामले की जांच कराने का आगृह किया। उन्होंने कहा चिटफंड कम्पनियों के कार्यालय का उद्दघाटनना मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने किया था। इसके प्रमाण उनके पास मौजूद है। राजेश मूणत ने उन्हें चुनौती दी थी इसलिए उन्हें प्रमाण पत्रों को पटल पर रखने अनुमति दी जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा यह मामला उसी दिन समाप्त हो गया था दोनों पक्ष सहमत हो तभी समिति गठित की जा सकती है। अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेसी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी व हंगामा किया। इसके चलते सदन की कार्रवाई बाधित हुई।
प्रश्नकाल के बाद भूपेश बघेल ने यह मामला उठाते हुए कहा चिटफंड कम्पनियों में निवेशकों का 5 हजार करोड़ रुपए फंसा है इन कम्पनियों का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया था। उनके इस कथन पर मंत्री ने चुनौती दी थी। उन्होंने उसी दिन चुनौती स्वीकार किया था। इससे संबंधित फोटोग्राफ व अन्य सामाग्री सदन के पटल पर रखने की अनुमति मंागी। संसदीय कार्यमंत्री अजय चन्द्राकर ने इसका विरोध करते हुए कहा किस व्यवस्था के तहत यह मामला उठाया गया है। मंत्री द्वारा बार बार व्यवधान किए जाने पर भूपेश बघेल ने कहा उन्हें बोलने से रोक रहे हैं। उन्होंने कहा मैने मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन की बात कही थी। उस पर आज भी कायम है। श्री बघेल ने दस्तावेज दिखाते हुए कई कम्पनियों का उद्घाटन मुख्यमंत्री व मंत्री ने किया है। गुरूकृपा सहित कई कम्पनियों के नाम का उल्लेख करते हुए कहा इन्हें आरबीआई से अनुमति नहीं है। इस मामले में आसंदी की व्यवस्था आने के बाद कांगे्रस सदस्यों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हंगामा के बीच राजस्वमंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने अपनी बात रखी लेकिन शोर शराबा के चलते कुछ सुनाई नहीं दिया। इसी बीच अध्यक्ष ने कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दुबारा कार्रवाई शुरू होने पर फिर कांग्रेस सदस्यों ने यह मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष टीएससिंहदेव ने कहा सदन में दस्तावेज प्रमाण रखने की अनुमति दी जाए। धनेन्द्र साहू ने कहा मंत्रियों के संरक्षण में चिटफंड कम्पनियां चलती रही है। उन्होंने कहा सत्तापक्ष साहस दिखाए और जांच के लिए समिति बनाए। भूपेश बघेल ने कहा डालफि न स्कूल का संचालक करोड़ेों लेकर भाग गया। उसका भी उद्घाटन मुख्यमंत्री व मंत्री ने किया था आसंदी से उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान ने कहा सदस्य लिखकर दे वे विचार करेंगे। इसके बाद मामला शांत हुआ।
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