Chit Fund Companies Fraud on Now 10 years till Punishment, 15 lakh penalty
Admin | 23 December, 2015 | 887 | 3980
- पुराने कानून में बड़ा संशोधन, कलेक्टर को मिला सीधी कार्रवाई का अधिकार
रायपुर - छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए पुराने कानून में बड़े बदलाव किए गए हैं। इसके तहत दोषी लोगों को दस साल तक सजा और 15 लाख रुपए तक जुर्माना किया जाएगा। सोमवार को विधानसभा में नए कानून को मंजूरी दे दी गई। इसके मुताबिक चिटफंड के अवैध कारोबार को राज्य में गैर जमानती अपराध बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के निवेशकों के हितों के संरक्षण के लिए प्रस्तुत संशोधन विधेयक के जरिए इन प्रावधानों को जोड़ा गया है। विधानसभा में चर्चा के बाद विधेयक पारित हो गया। चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी की शिकायत की जांच अब 30 दिन के अंदर करनी होगी। कलेक्टर संपत्ति जब्त करने या कुर्क करने का अादेश दे सकता है। धोखाधड़ी के ऐसे मामले विशेष न्यायालय के जरिए 240 दिनों के अंदर निपटाए जाएंगे।
कानून में हुए ये बदलाव
पहले अब
जमानती अपराध गैर जमानती
एक से तीन साल सजा 7 से 10 साल की सजा
1-3 लाख तक जुर्माना एक से 15 लाख जुर्माना
एड पर नहीं थी सजा भ्रामक एड पर 2 लाख जुर्माना
कुर्की का प्रावधान नहीं फर्म की संपत्तियां होंगी कुर्क
सूचना अनिवार्य नहीं कलेक्टर को बताना अनिवार्य
रायपुर - छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए पुराने कानून में बड़े बदलाव किए गए हैं। इसके तहत दोषी लोगों को दस साल तक सजा और 15 लाख रुपए तक जुर्माना किया जाएगा। सोमवार को विधानसभा में नए कानून को मंजूरी दे दी गई। इसके मुताबिक चिटफंड के अवैध कारोबार को राज्य में गैर जमानती अपराध बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के निवेशकों के हितों के संरक्षण के लिए प्रस्तुत संशोधन विधेयक के जरिए इन प्रावधानों को जोड़ा गया है। विधानसभा में चर्चा के बाद विधेयक पारित हो गया। चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी की शिकायत की जांच अब 30 दिन के अंदर करनी होगी। कलेक्टर संपत्ति जब्त करने या कुर्क करने का अादेश दे सकता है। धोखाधड़ी के ऐसे मामले विशेष न्यायालय के जरिए 240 दिनों के अंदर निपटाए जाएंगे।
कानून में हुए ये बदलाव
पहले अब
जमानती अपराध गैर जमानती
एक से तीन साल सजा 7 से 10 साल की सजा
1-3 लाख तक जुर्माना एक से 15 लाख जुर्माना
एड पर नहीं थी सजा भ्रामक एड पर 2 लाख जुर्माना
कुर्की का प्रावधान नहीं फर्म की संपत्तियां होंगी कुर्क
सूचना अनिवार्य नहीं कलेक्टर को बताना अनिवार्य